राजस्थान (Rajasthan) के कोटा (Kota) जिले में शनिवार को एसीबी (ACB) ने बड़ी कार्रवाई की. टीम ने गाजीपुर अफीम फैक्ट्री के महाप्रबंधक डॉ. शशांक यादव को 16 लाख 32 हजार 410 रुपए के साथ हैंगिंग ब्रिज के पास धर दबोचा. इस अधिकारी के पास नीमच अफीम फैक्ट्री का भी फिलहाल अतिरिक्त चार्ज है. एसीबी के एएसपी ठाकुर चंद्र सिंह ने बताया कि मुखबिर की सूचना के बाद इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया. हैंगिंग ब्रिज के पास उत्तर प्रदेश नंबर की इस गाड़ी को रोककर जब तलाशी ली गई तो मिठाई के डिब्बों में यह रकम मिली. रकम के बारे में अधिकारी डॉ. शशांक यादव कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पा रहे हैं.
वहीं एसीबी के एएसपी ठाकुर चंद्र सिंह ने बताया कि नीमच अफीम फैक्ट्री की लैब में तैनात कर्मचारी अजीत सिंह और दीपक यादव अफीम किसानों से अफीम की गढ़ता और मार्फिन का प्रतिशत ज्यादा बताने की एवज में 60 से ₹80 हजार किसानों से वसूल रहे हैं. 10 से 12 आरी के पट्टे दिलाने के लिए अब तक 6000 किसानों से 30 से 36 करोड़ रुपए वसूल चुके हैं. अभी 40000 किसानों की अफीम की जांच होनी बाकी है. डॉ. शशांक यादव भी नीमच आया हुआ है. ऐसी सूचना मिली थी कि नारकोटिक्स विभाग का डिप्टी कमिश्नर डॉ. शशांक यादव वसूल की गई रकम में से ₹15 लाख लेकर जिसका लोगों लगी कार में चित्तौड़गढ़ से कोटा होते हुए गाजीपुर जाएगा.
इसके बाद विश्वस्त सूचना पर आकस्मिक चेकिंग की गई तो मिठाई के डिब्बे में 1500000 रुपए की राशि मिली. इसके साथ ही लैपटॉप के बैग में 1 लाख 32 हजार 410 रुपए मिले. इसके बारे में वह संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए. फिलहाल महाप्रबंधक डॉ. शशांक यादव को गिरफ्तार कर लिया गया है और रकम और उत्तर प्रदेश नंबर की गाड़ी को भी बरामद किया है. एसीबी की टीम अब इस पूरे मामले में पूछताछ कर रही है. वसूली के बड़े रैकेट का खुलासा करने के लिए एसीबी की टीम सुबह से ही कोटा के हैंगिंग ब्रिज पर तैनात थी. टीम के सदस्यों ने काफी देर तक उत्तर प्रदेश नंबर की पुलिस का लोगो लगी गाड़ी का इंतजार किया. जैसे ही हैंगिंग ब्रिज के पास पहुंची तो अधिकारी को बड़ी रकम के साथ दबोच लिया.