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धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत मामले की जांच कर रही दिल्ली सीबीआई की टीम ऑटो चालक लखन वर्मा और उसके सहयोगी राहुल वर्मा का फिर नार्को एनालिसिस कराएगी
धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत मामले की जांच कर रही दिल्ली सीबीआई की टीम ऑटो चालक लखन वर्मा और उसके सहयोगी राहुल वर्मा का फिर नार्को एनालिसिस कराएगी। नार्को के साथ-साथ अन्य टेस्ट भी फिर से कराए जाएंगे। सीबीआई ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय सह सीबीआई के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत को आवेदन देकर न्यायिक हिरासत में रखकर आरोपियों का डायरेक्टोरेट ऑफ फॉरेंसिक साइंस (डीएफएस) गांधीनगर गुजरात स्थित लैब में टेस्ट कराने की अनुमति मांगी थी। जिस पर न्यायालय ने मंजूरी दे दी है। सीबीआई ने कोर्ट से लखन और राहुल का एलवीए, बेयोज, ब्रेन मैपिंग, नार्को एनालिसिस, फॉरेंसिक स्टेटमेंट के अलावा अन्य कई जांच कराने की अनुमति ली है।
सीबीआई ने दोनों आरोपियों को छह दिसंबर से 29 दिसंबर तक विभिन्न टेस्ट कराने की अनुमति मांगी। सीबीआई की ओर से दिए गए आवेदन में दावा किया गया है कि इस हत्याकांड में साजिशकर्ता और मास्टरमाइंड तक पहुंचने के लिए दोबारा दोनों की वैज्ञानिक जांच जरूरी है। कोर्ट को दिए आवेदन के साथ सीबीआई ने दोनों आरोपियों का जेल अधीक्षक द्वारा अभिप्रमाणित स्वीकृति पत्र भी कोर्ट को सौंपा।
इधर अदालत में बचाव पक्ष के अधिवक्ता कुमार विमलेंदु ने सीबीआई के आवेदन का पुरजोर विरोध किया और दोबारा टेस्ट की आवश्यकता पर सवाल उठाया। मामले पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने सीबीआई को छह दिसंबर से 29 दिसंबर तक विभिन्न जांच कराने की सशर्त अनुमति दे दी। कोर्ट ने सीबीआई के साथ-साथ जेल प्रबंधन तथा धनबाद एसएसपी को भी आरोपियों की पर्याप्त सुरक्षा तथा एस्कॉर्ट की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। साथ ही बचाव पक्ष के अधिवक्ता की उपस्थिति में नार्को टेस्ट कराने का भी निर्देश सीबीआई को दिया गया है।
जज की मौत मामले में पकड़े गए ऑटो चालक लखन वर्मा और राहुल वर्मा सीबीआई के साथ-साथ वैज्ञानिक जांच के दौरान भी लगातार बयान बदल रहे हैं। सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि लखन वर्मा ने वैज्ञानिक जांच के दौरान बताया था कि जज की हत्या के लिए एक अज्ञात ने उसे छह हजार रुपए दिए थे। घटना के दिन बेकारबांध के पास उनके ऑटो में एक अज्ञात आदमी बैठा था।
उसने रणधीर वर्मा चौक के पास जज को दिखाते हुए कहा था कि छह हजार रुपए देंगे उन्हें धक्का मार दो। उसी व्यक्ति के कहने पर लखन ने जज को टक्कर मार दी। लखन ने बताया कि हटिया मोड़ के पास पहुंचने पर जब उसने पैसों की मांग की तो उस व्यक्ति ने पैसे नहीं दिए और गाली-गलौज करने लगा। आगे जाकर वह ऑटो से उतर गया। बाद में लखन अपने बयान से मुकर गया। वह कहने लगा कि राहुल ने उससे जज को चकमा देने को कहा था। जज को डराने की नियत से वह उनके करीब गया, जिससे उन्हें धक्का लग गया। दोनों के बार-बार बयान बदलने के कारण ही विशेषज्ञ से राय लेकर दोनों की दोबारा जांच कराई जा रही है।
इससे पहले कोर्ट के आदेश पर 16 अगस्त को सीबीआई और पुलिस की टीम दोनों को लेकर टेस्ट के लिए गांधीनगर गई थी। 17 दिनों तक गुजरात के गांधीनगर एफएसएल में उनका पॉलीग्राफ, लाई डिटेक्टर, ब्रेन मैपिंग और नार्को एनालिसिस के अलावा अन्य मनोवैज्ञानिक टेस्ट कराने के बाद तीन सितंबर की रात उन्हें वापस धनबाद लाया गया था। विभिन्न वैज्ञानिक टेस्ट और विशेषज्ञों की राय के हवाले से सीबीआई ने दोनों पर जानबूझ कर होशों हवास में ऑटो से टक्कर मार कर जज की हत्या करने का आरोप लगाते हुए चार्जशीट दाखिल किया है।
कोर्ट में यह मामला आरोप गठन के लिए आठ दिसंबर को निर्धारित किया गया था। इससे पहले सीबीआई ने दोनों आरोपियों से 27 नवंबर से तीन दिसंबर तक जेल परिसर में पूछताछ की अनुमति ली थी। सीबीआई जेल के अंदर दोनों आरोपियों से पूछताछ कर रही है। पूछताछ की अवधि शुक्रवार को पूरी हो रही है।
ऑटो चोरी मामले में नहीं आया गवाह
जज उत्तम आनंद को टक्कर मारने में प्रयोग किए गए ऑटो की चोरी के मामले में गुरुवार को सीबीआई की ओर से किसी गवाह को पेश नहीं किया गया। सीबीआई के विशेष दंडाधिकारी सह एसडीजेएम अभिषेक श्रीवास्तव की अदालत में यह मामला अभियोजन साक्ष्य के लिए चल रहा है। अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख नौ दिसंबर निर्धारित कर दी।
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