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नारदा स्टिंग ऑपरेशन मामले में ममता बनर्जी सरकार के मंत्री सुब्रत मुखर्जी, फिरहाद हकीम, एमएलए मदन मित्रा और पूर्व मेयर शोभन चटर्जी को फिलहाल राहत नहीं मिली है. सोमवार देर रात कलकत्ता हाई कोर्ट ने सीबीआई की याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीआई की विशेष अदालत के उस फैसले पर स्टे लगा दिया है, जिसके तहत इन नेताओं को जमानत दी गई थी. इस फैसले के बाद अगली सुनवाई यानी बुधवार तक चारों नेता कस्टडी में ही रहेंगे.
TMC leaders Firhad Hakim, Subrata Mukherjee, Madan Mitra and Sovhan Chatterjee leave from CBI office as they are being taken to Presidency Jail pic.twitter.com/N9bb9qkSOo
— ANI (@ANI) May 17, 2021
हाई कोर्ट के इस फैसले से ममता बनर्जी को धक्का लगा है. ममता बनर्जी 6 घंटे तक सीबीआई मुख्यालय में रही थीं और अरेस्ट करने की चुनौती दी थी. सीबीआई लोअर कोर्ट के फैसले के बाद रात में ही हाई कोर्ट पहुंची थी. सीबीआई का आरोप था कि पूछताछ के दौरान बाहर लोग बैठे हुए थे, ऐसे में जांच संभव नहीं हो सकती थी.
नेताओं की गिरफ्तारी के बाद जिस तरह से टीएमसी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया. सीएम ममता बनर्जी सीबीआई मुख्यालय में बैठी रहीं. कानून मंत्री मलय घटक अदालत में बैठे रहे. उसे दिखा कर सीबीआई हाई कोर्ट को विश्वास दिलाने में सफल रही कि ये प्रभावशाली लोग हैं और ये जांच को प्रभावित कर सकते हैं. इसके बाद हाई कोर्ट ने चारों नेताओं पर सीबीआई कोर्ट के फैसले पर स्टे लगा दिया और अगली सुनवाई बुधवार को करने का फैसला सुनाया.
टीएमसी हमलावर, फैसले के खिलाफ करेगी सुप्रीम कोर्ट का रुख
सीबीआई ने आगे की जांच के लिए इस केस को कहीं और ट्रांसफर किए जाने की बात भी सुप्रीम कोर्ट में कही. हालांकि टीएमसी ने इस फैसले की जमकर आलोचना शुरू कर दी है और जानकारी के मुताबिक तृणमूल कांग्रेस पार्टी हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ कल यानी मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट जाएगी.
टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि बीजेपी चुनाव के बाद हार स्वीकार नहीं कर पा रही है. कोरोना महामारी में उकसाया रही है. यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. फिरहाद हकीम केएमसी के प्रशासक हैं. ऐसे में कोरोना मामला कौन देखेगा?
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