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नेमप्लेट मामला, यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दिया जवाब

Nilmani Pal
26 July 2024 5:27 AM GMT
नेमप्लेट मामला, यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दिया जवाब
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यूपी UP Newsसरकार ने सुप्रीम कोर्ट Supreme Court से कहा है कि कांवड़ यात्रा को शांतिपूर्ण तरीके से पूरा करने के लिए नेमप्लेट लगाने का निर्देश जारी किया गया था। राज्य सरकार ने कहा कि निर्देश जारी करने के पीछे का मकसद कांवड़ियों की यात्रा के दौरान उनके भोजन को लेकर सूचित विकल्प पेश करना था, ताकि उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस न पहुंचे। Saharanpur सहारनपुर के संभागीय आयुक्त द्वारा शपथ-पत्र में कहा गया है, "कांवड़ियों को परोसे जाने वाले भोजन के बारे में छोटी-छोटी भ्रांतियां भी उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा सकती हैं और खासकर मुजफ्फरनगर जैसे सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र में तनाव पैदा कर सकती हैं।"

यूपी सरकार ने कहा है कि यह निर्देश 2 सप्ताह से भी कम अवधि के लिए कांवड़ यात्रा मार्ग तक ही सीमित था, केवल कांवड़ यात्रा के शांतिपूर्ण समापन को सुनिश्चित करने के लिए। सालाना 4.07 करोड़ से अधिक कांवड़िए ये यात्रा करते हैं। यूपी सरकार ने अपने जवाब मे कहा है कि राज्य द्वारा जारी निर्देश दुकानों और भोजनालयों के नामों से होने वाले भ्रम के बारे में कांवड़ियों की ओर से मिली शिकायतों के बाद किए गए थे। शिकायतें मिलने पर ही पुलिस अधिकारियों ने कांवड़ियों की चिंताओं को दूर करने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कार्रवाई की।

यूपी सरकार ने कहा है कि राज्य ने खाद्य विक्रेताओं के व्यापार या व्यवसाय पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है और वे अपना व्यवसाय सामान्य रूप से कर सकते हैं। मालिकों के नाम और पहचान प्रदर्शित करने की आवश्यकता पारदर्शिता सुनिश्चित करने और कांवड़ियों के बीच किसी भी भ्रम से बचने के लिए किया गया है। राज्य सरकार के निर्देश के अनुसार, राज्यों में सभी खाद्य दुकानों, भोजनालयों और फूड जॉइंट्स को मालिकों/प्रोपराइटरों और कर्मचारियों के नाम प्रदर्शित करने वाली "नेमप्लेट" लगानी होगी। ऐसा श्रावण मास में कांवड़ यात्रा करने वाले हिंदू श्रद्धालुओं की "आस्था की पवित्रता" को बनाए रखने के लिए किया गया।

सावन का महीना सोमवार से शुरू हो गया। इस दौरान भक्त और श्रद्धालु कांवड़ लेकर भोले शंकर को जल चढ़ाने के लिए कई किलोमीटर की यात्रा करते हैं। इसी यात्रा के दौरान कई दुकानों और ढाबों से वो खाने का सामान व अन्य चीजें खरीदते हैं। यूपी सरकार ने सबसे पहले आदेश जारी कर इन दुकानों पर मालिकों का नाम लिखने का आदेश जारी किया था, ताकि श्रद्धालु अपनी पसंद की दुकान से सामान खरीद सकें। उसके बाद ऐसा ही आदेश उत्तराखंड सरकार ने भी जारी किया।

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