यूपीएससी का सफर अक्सर बहुत से कैंडिडेट्स के लिए लंबा हो जाता है. साल दर साल कोशिश के बाद भी उनका सेलेक्शन नहीं होता. ऐसे में अगर कैंडिडेट लड़की हो तो प्रेशर और बढ़ जाता है. लेकिन जिनके इरादे पक्के होते हैं, वे असफलताओं से या सामाजिक दबावों से घबराते नहीं हैं बल्कि उन्हें फेस करते हुए तब तक प्रयास जारी रखते हैं, जब तक उनका चयन नहीं हो जाता. ऐसी ही हैं हमारी आज की कैंडिडेट नमामि बंसल. नमामि, ऋषिकेश उत्तराखंड की हैं और उनकी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई यहीं हुई. बारहवीं के बाद नमामि ने दिल्ली का रुख किया और वहां के प्रतिष्ठित लेडी श्रीराम कॉलेज से इकोनॉमिक्स ऑनर्स में ग्रेजुएशन किया. ग्रेजुएशन के बाद नमामि ने कुछ सालों तक जॉब की लेकिन फिर यूपीएससी सीएसई परीक्षा देने का मन बनाया. अपनी तरफ से भरपूर कोशिश करने के बावजूद नमामि को एक या दो नहीं बल्कि तीन बार असफलता का सामना करना पड़ा. इसके बावजूद नमामि ने कभी हौसला नहीं खोया और चौथी बार में बन गईं आईएएस. दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में नमामि ने विभिन्न मुद्दों पर बात की.
नमामि तैयारी के बारे में बात करते हुए पहला टिप देती हैं कि परीक्षा के लिए प्रिपरेशन करने का कोई उचित समय नहीं होता, जिस दिन से आप तय करते हैं कि एग्जाम देना है, वही समय परफेक्ट होता है. यह बात इस लिहाज से समझनी है कि अगर आप शादीशुदा हैं, या नौकरी कर रहे हैं या पढ़ाई छोड़े कई साल हो गए हैं, किसी भी स्थिति में आपको खुद को कम नहीं समझना है. ये मानिए की अगर आपको लगता है कि आप कर सकते हैं तो आप कर सकते हैं और लगता है कि नहीं कर सकते तो नहीं कर पाएंगे.
जब आप तैयारी करने के लिए प्रतिबद्ध हो जाएं तो दूसरे स्टेप में सबसे पहले एनसीईआरटी की किताबों का चुनाव करें. नमामि कहती हैं इन किताबों से बेस मजबूत होता है जो आगे बहुत काम आता है. साथ ही इन किताबों में कांसेप्ट्स को जितना अच्छे से समझाया गया है, वह आपको कहीं और नहीं मिलेगा. इसलिए एनसीईआरटी की किताबें जरूर पढ़ें.
अगली जरूरी बात नमामि कहती हैं कि अगर आपको कोचिंग की जरूरत महसूस होती है बेशक आप इसे ज्वॉइन करें. कोचिंग उन लोगों के लिए बेहद जरूरी हो जाती है जो अनुशासन मेंटेन नहीं रख पाते. अगर आपको भी आगे बढ़ने के लिए हमेशा एक पुश की जरूरत पड़ती है और आपको लगता है कि ये पुश कोचिंग से मिल सकता है तो बिलकुल कोचिंग की हेल्प लें. हालांकि खुद नमामि ने कोचिंग नहीं ली थी और चारों अटेम्प्ट्स सेल्फ स्टडी से ही दिए थे. अंत में नमामि यही सलाह देती हैं कि इस परीक्षा की तैयारी के दौरान खुद को मोटिवेटेड जरूर रखें, आशावादी नजरिया अपनाएं तभी सफर पूरा होगा. क्योंकि यह जर्नी कई बार बहुत उतार-चढ़ाव भरी हो जाती है. बार-बार फेल होने पर इसे दिल से न लगाएं क्योंकि आपने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है. प्रयासों में कमी न आने दें भले सफलता मिलने में थोड़ा समय लग जाए. ईमानदार प्रयास मंजिल तक जरूर पहुंचता है.