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मैसूर यूनिवर्सिटी ने छात्राओं के अकेले आने-जाने पर लगाए प्रतिबंध हटाया, शिक्षा मंत्री ने दी जानकारी

Deepa Sahu
28 Aug 2021 11:19 AM GMT
मैसूर यूनिवर्सिटी ने छात्राओं के अकेले आने-जाने पर लगाए प्रतिबंध हटाया, शिक्षा मंत्री ने दी जानकारी
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मैसूर यूनिवर्सिटी ने छात्राओं के अकेले आने-जाने पर लगाए प्रतिबंध हटाया

कर्नाटक के उच्च शिक्षा मंत्री सी एन अश्वथ नारायण (Higher Education Minister C N Ashwath Narayan) ने शनिवार को कहा कि मैसूर विश्वविद्यालय (University of Mysore) के मानसगंगोत्री कैंपस (Manasagangotri Campus) में शाम 6.30 बजे के बाद अकेले छात्राओं की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने का सर्कुलर वापस ले लिया गया है. उन्होंने कहा कि यह सच है कि आमतौर पर विश्वविद्यालयों के कैंपस में बहुत बड़े होते हैं लेकिन छात्राओं की आवाजाही पर रोक लगाना सही नहीं है.

शिक्षा मंत्री नारायण ने विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को सुरक्षा उपाय करने और सुरक्षित कैंपस बनाने का निर्देश दिया. मैसूर विश्वविद्यालय ने शुक्रवार को यह कदम उस समय उठाया था जब कॉलेज में पढ़ने वाली एक लड़की के साथ पांच लोगों ने मैसूर के चामुंडी हिल के पास मंगलवार देर रात कथित तौर पर बलात्कार किया. यह घटना बुधवार को सामने आई. पीड़ित लड़की और उसके पुरुष मित्र का एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है.
विश्वविद्यालय के सूत्रों ने कहा कि कुक्कराहल्ली झील परिसर में आने-जाने वालों का प्रवेश भी शाम 6.30 बजे के बाद प्रतिबंधित कर दिया गया है. सूत्रों ने कहा कि पुलिस के मौखिक निर्देशों के बाद "सुरक्षा और एहतियाती उपाय" के तहत कदम उठाए गए. उन्होंने बताया कि सुरक्षा गार्डों को शाम छह बजे से नौ बजे तक परिसर में गश्त करने को कहा गया है.
मंत्री नारायण ने बलात्कार की घटना को 'निंदनीय' करार दिया और कहा कि इस मामले के कारण किसी को भी छात्राओं की स्वतंत्रता नहीं छीननी चाहिए. मंत्री ने कहा, "उनकी स्वतंत्रता का उल्लंघन किए बिना उन्हें सुरक्षा देना हमारी जिम्मेदारी है. जहां भी आवश्यक हो, सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने चाहिए. विश्वविद्यालय परिसरों में अधिक सतर्कता होनी चाहिए. इस संबंध में सरकार द्वारा पहले ही कदम उठाए जा चुके हैं. टेक्नोलॉजी का लाभ उठाकर उपाय कड़े किए जाएंगे."
गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने भी लिया था अपना बयान वापस
इससे पहले कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने गुरुवार सामूहिक बलात्कार की घटना के संदर्भ में दिए गए अपने बयान को विपक्ष के हंगामे व मुख्यमंत्री द्वारा इससे असहमति जताए जाने के बाद वापस ले लिया था. मंत्री ने कहा था कि पीड़िता और उसके पुरुष मित्र को सुनसान जगह नहीं जाना चाहिए था और दावा किया था कि विपक्षी कांग्रेस निशाना बनाकर उनका "बलात्कार" करने की कोशिश कर रही है. ज्ञानेंद्र ने कांग्रेस पर इस तरह की "अमानवीय" घटना से राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया था.


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