दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शिलांग यात्रा के दौरान स्थानीय परंपरा की ड्रेस पहनने पर तंज कसने वाले कीर्ति आजाद बैकफुट पर आ गए हैं. उन्होंने शुक्रवार को ट्वीट कर माफी मांगी है. कीर्ति आजाद ने कहा कि मेरे हालिया ट्वीट का गलत मतलब निकाला गया. इससे जिन लोगों की भावनाएं आहत हुईं, उनसे मैं सॉरी कहता हूं. कीर्ति आजाद के ट्वीट के बाद मेघालय, असम और अरुणाचल प्रदेश में राजनीति गरमा गई थी और माफी की मांग की जा रही थी.
कीर्ति आजाद ने अब ताजा बयान में माफी मांगी. उन्होंने ट्वीट में आगे कहा कि हमारी विविध संस्कृतियों को लेकर मेरे मन में अपार सम्मान और गर्व है. मेरी अनजाने में की गई टिप्पणी से हुई पीड़ा के लिए मुझे खेद है. मैं अपने संवैधानिक मूल्यों को हमेशा बनाए रखने के लिए काम करने की अपनी प्रतिज्ञा को दोहराता हूं. बता दें कि 18 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेघालय के शिलॉन्ग का दौरा किया था. यहां उन्होंने राज्य की दोनों मुख्य जनजातियों के प्रति अपना सम्मान दिखाने के लिए पारंपरिक गारो टोपी के साथ एक पारंपरिक खासी पोशाक पहनी थी. इस पोशाक की तस्वीरें सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुईं. इस बीच, खासी पोशाक पर तृणमूल कांग्रेस के नेता कीर्ति आजाद की एक कथित अपमानजनक टिप्पणी ने पूर्वोत्तर में विवाद खड़ा कर दिया. उनकी टिप्पणी की तीन राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने निंदा की.
हालांकि, पूर्व क्रिकेटर और टीएमसी नेता ने कहा कि वे पोशाक का अपमान नहीं कर रहे थे बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'फैशन स्टेटमेंट' पर टिप्पणी कर रहे थे. दरअसल, आजाद ने पारंपरिक खासी पोशाक 'जिमफॉन्ग' में मोदी की तस्वीरें और इसी तरह की पोशाक पहने एक महिला मॉडल की तस्वीर के साथ हिंदी में दो पंक्तियां शेयर की थी. हालांकि, विवाद बढ़ने पर उन्होंने ट्वीट डिलीट कर दिया था.
My recent tweet was misconstrued. It hurt sentiments of the people. To them I say sorry. have immense respect & pride for our diverse cultures. I regret the hurt caused by my unintentional remark. I reiterate my pledge to work to uphold our constitutional values always
— Kirti Azad (@KirtiAzaad) December 23, 2022