मेरी आदत है झुकना और नमस्कार करना, वायरल वीडियो पर बोले उपराष्ट्रपति
दिल्ली। सोशल मीडिया पर एक वीडियो के बहाने चल रही तरह-तरह की टिप्पणी से आहत सभापति जगदीप धनखड़ की पीड़ा गुरुवार को सदन में नजर आई। सभापति सदन में आने के बाद बेहद खिन्न दिखाई दिए। उपराष्ट्रपति ने सोशल मीडिया पर साझा किए जा रहे उनके वीडियो को लेकर अपना दुख व्यक्त किया। सदन में आते ही सभापति ने सभी सदस्यों को हाथ जोड़ते हुए झुककर प्रणाम किया और फिर जो कुछ कहा, उससे पूरे हॉल में कुछ देर तक खामोशी छा गई।
झुककर नमस्कार करना हमारा संस्कार है। भारतीय संस्कृति की इस परंपरा का कांग्रेस पार्टी हमेशा से मजाक बनाती रही है। आज संसद में माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ जी ने कांग्रेस को भारतीय संस्कारों का आईना दिखाया। pic.twitter.com/S61ZEJBz26
— Col Rajyavardhan Rathore (@Ra_THORe) December 7, 2023
उन्होंने कहा कि माननीय सदस्यों मुझे आजकल यह भी देखना पड़ रहा है कि कितना झुकूं, किसके सामने झुकूं, फोटोग्राफर कहां से क्या पिक्चर ले रहा है, कौन इंस्टाग्राम पर डाल देगा, कौन ट्विटर पर डाल देगा, कौन मेरी रीढ़ की हड्डी को तय करने लगेगा। दरअसल, वह सोशल मीडिया पर वायरल किए जा रहे उनके वीडियो को लेकर आहत थे। इस वीडियो में वह पीएम मोदी को झुककर नमस्ते करते दिखाई दे रहे हैं। इस वीडियो के लेकर उनके बारे में कुछ आपत्तिजनक टिप्पणियां की जा रही थीं।
नजाकत और लचक बता रही है कि धनखड़ साहब एक कुर्सी और ऊपर जा सकते हैं। pic.twitter.com/MtixX54kiN
— Rofl Gandhi 2.0 🏹 (@RoflGandhi_) December 6, 2023
धनखड़ ने सदन में कहा, ”तो मैं बताना चाहता हूं कि झुकना और नमस्कार करना मेरी आदत है। ये नहीं देखता सामने कौन है। कई बार बड़ी पीड़ा होती है, गिरावट की कोई सीमा होती है। बड़ा बुरा लगता है।” इसके बाद किसी सदस्य ने उनसे कुछ कहा तो इसके जवाब में धनखड़ बोले कि वह इसे सदस्यों की बुद्धिमत्ता पर छोड़ते हैं। उन्होंने कहा, ”यदि कोई ऐसी संस्था जिसका बहुत बड़ा स्थान है देश में, देश की राजनीति में… और वह आधिकारिक तौर पर ऐसा करते हैं तो मैं सिर्फ अपनी पीड़ा और नाराजगी ही व्यक्त कर सकता हूं।”
उन्होंने उक्त वीडियो को सोशल मीडिया पर साझा किए जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि वह बेहद ही विनम्र इंसान हैं और घमंड उनकी जिंदगी का कभी भी हिस्सा हो ही नहीं सकता। उन्होंने कहा, ” संस्कारों का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए। सांस्कृतिक विरासत है झुकना। नमस्कार करना। पद की गरिमा तब रहती है जब आदमी ज्यादा से ज्यादा झुके। यह पीड़ा मुझे उन लोगों ने दी है जिनकी मैं बहुत इज्जत करता हूं।”