भारत
सरसों की बुआई 1.25 लाख हेक्टेयर में होने का अनुमान, रबी फसलों में आएगी तेजी
Shantanu Roy
11 Sep 2023 11:29 AM GMT
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हनुमानगढ़। हनुमानगढ़ खेत खाली होने पर अब किसान सरसों सहित अन्य रबी फसलों की बिजाई करने की तैयारी में जुट गए हैं। कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार सरसों फसल की बिजाई का सही समय अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में माना जाता है। सरसों की बिजाई के समय तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से नीचे होना चाहिए।अभी तापमान ज्यादा है। सरसों के बीजोपचार में किसानों की रुचि कम होने का कारण बीज की मात्रा कम होना, दानों का आकार छोटा होना आदि है। कृषि विभाग के सहायक निदेशक बीआर बाकोलिया के अनुसार उन्नत खेती के लिए विभागीय सलाह लेकर ही किसानों को खेती करनी चाहिए। नकदी फसलों में सरसों की फसल अहम मानी जाती है। कम सिंचाई पानी में भी यह फसल तैयार हो जाती है। बीते बरसों में इसके भाव भी ठीक रहे हैं। इस वजह से किसान इसकी खेती की तरफ रुझान बढ़ा रहे हैं। आगामी रबी सीजन में जिले में करीब सवा लाख हैक्टेयर में सरसों की बिजाई होने का अनुमान है।
कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसा आज भी कुछ किसानों की ओर से चने की फसल में सरसों की आड़ अधिकतम 8 -10 लाइन प्रति बीघा लगाया जाता है। सरसों का 1- 2 क्विंटल प्रति बीघा उत्पादन चने की मुख्य फसल के अतिरिक्त कम लागत में मिलता है। इस प्रकार आड़ की सरसों के पौधों की बढ़वार,फैलाव, शानदार फलियां, कीट/रोग रहित तथा अतिरिक्त खुराक (खाद, पोषक तत्व,पानी आदि ) के साथ अलग से प्रबंधन की अवश्यकता नही होती है। जबकि सिंचित एरिया के किसान केवल सरसों की बुआई 120 से 150 लाइन प्रति बीघा लगाकर अधिक उत्पादन लेना चाहते हैं। यहां यही सोचने योग्य तथ्य है कि जब चना में सरसो की 10 आड़ से कम से कम 1 क्विंटल उत्पादन हो सकता है तो 120 से 150 लाइन के हिसाब से उत्पादन अधिक होना चाहिए। लेकिन पौधे की अधिक संख्या से उत्पादन कम बल्कि लागत बढ़ जाती है। सरसों की फसल ज्यादा सघनी होने के कारण व्हाइट रस्ट, तना गलन का प्रकोप अधिक देखा गया है। अत: पौधे से पौधे और कतार से कतार की दूरी उचित रखने पर अच्छा उत्पादन लिया जा सकता है।
वर्तमान में मूंग की फसल मंडी में आने लगी है। अन्य फसलें भी आगामी पखवाड़े में कटने लगेगी। इसके बाद किसान रबी फसलों की बिजाई की तैयारी में जुट जाएंगे। इस बार भाखड़ा व पौंग बांधों में पानी की अच्छी आवक से मांग के अनुसार रबी फसलों की बिजाई के लिए पानी मिलने की उम्मीद है। इसे देखते हुए किसान रबी फसलों की बिजाई की तैयारी में जुट रहे हैं। 21 सितम्बर तक बांधों का जितना लेवल बनेगा, उसके हिसाब से संबंधित राज्यों को पानी का शेयर आवंटित किया जाएगा। स्थानीय जनप्रतिनिधि व अधिकारियों की होने वाली जल परामर्शदात्री समिति की बैठक में इंदिरागांधी सहित अन्य नहरों का रेग्यूलेशन तैयार किया जाएगा।
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Shantanu Roy
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