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Mustard Price: तेल-तिलहन पर स्टॉक लिमिट लगाने, खाद्य तेलों की इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती और सरसों की खेती का दायरा बढ़ने की वजह से भाव में दिख रही है नरमी.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सरसों की फसल तैयार होने में अभी काफी वक्त है फिर भी इसके दाम में गिरावट शुरू हो गई है. देश के दो बड़े सरसों उत्पादक प्रदेशों में भाव लगातार गिर रहा है. नवंबर में इसके दाम में काफी तेजी थी. दाम लगभग 9000 रुपये प्रति क्विंटल था. लेकिन उसके बाद लगातार इसमें गिरावट जारी है. ज्यादातर मंडियों में अधिकांश किसानों को पांच से छह हजार रुपये का औसत दाम मिल रहा है. जबकि तिलहनी फसलों की मांग और आपूर्ति में काफी अंतर है. अपने देश में खाद्य तेलों की मांग सालाना करीब 250 लाख टन है, जबकि उत्पादन सिर्फ 112 लाख टन ही है.
ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर सरसों की कीमतों के साथ ऐसा क्यों हो रहा है? अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर का कहना है कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव को देखते हुए सरकार लगातार खाद्य तेलों के दाम कम करने की कोशिश कर रही है. इसके लिए हाल ही में तेल-तिलहन पर स्टॉक लिमिट लगाई गई है. खाद्य तेलों पर चार बार इंपोर्ट ड्यूटी कम की गई है. वायदे के खेल पर नकेल कसी गई है. कोशिश यह है कि चुनाव तक दाम किसी भी तरह से काबू रहे. वरना सियासी नुकसान होगा.
इस वजह से भी सरसों के दाम में है नरमी
सरसों के दाम में नरमी की एक और वजह यह है कि पिछले वर्ष दाम अच्छा मिलने की वजह से इस बार इसकी खेती का दायरा काफी बढ़ गया है. अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के सर्वे के अनुसार 2022 में सरसों का प्रोडक्शन 2021 के मुकाबले 30 से 40 फीसदी अधिक होगा. इन कारणों की वजह से अभी सरसों का दाम कम हो रहा है. हालांकि इसका रेट न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से नीचे आने की संभावना काफी कम है. इस समय सरसों की एमएसपी 5,050 रुपये प्रति क्विंटल है.
किस मंडी में कितना है दाम?
देश के कुल सरसों उत्पादन का करीब 41 फीसदी अकेले राजस्थान में पैदा होता है. जबकि हरियाणा की हिस्सेदारी 13 फीसदी की है. इन दोनों राज्यों की प्रमुख मंडियों में सरसों की क्या है कीमत?
>>टोंक में 25 दिसंबर को सरसों का न्यूनतम दाम 5,101 रुपये प्रति क्विंटल रहा. जबकि मॉडल प्राइस 6,568 रुपये रहा.
>>राजस्थान की गंगापुर सिटी में न्यूनतम दाम 6,433 एवं मॉडल प्राइस 7,008 रुपये प्रति क्विंटल रहा. दूसरी ओर खेडली में 25 दिसंबर को मॉडल प्राइस 6,855 रुपये प्रति क्विंटल रहा.
>>कोटा मंडी में न्यूनतम दाम 5,600 एवं अधिकतम 6,200 रुपये प्रति क्विंटल रहा. जबकि आवक भी बहुत कम सिर्फ 441 क्विंटल रही.
>>श्रीगंगानगर जिले में आने वाली अनूपगढ़ मंडी में न्यूनतम दाम 6,100 एवं अधिकतम 6,680 रुपये प्रति क्विंटल रहा. यह दाम तो तब है जब मंडी में आवक सिर्फ 122 क्विंटल सरसों की हुई.
>>हरियाणा की रेवाड़ी मंडी में 25 दिसंबर को न्यूनतम रेट 6,400 एवं अधिकतम 7,220 रुपये प्रति क्विंटल रहा. जबकि आवक 326 क्विंटल सरसों की रही.
>>आदमपुर मंडी में न्यूनतम दाम 6,450 अधिकतम 6,770 रुपये प्रति क्विंटल रहा. दूसरी ओर हिसार में न्यूनतम दाम 6,000 एवं अधिकतम 6,200 रुपये प्रति क्विंटल रहा.
Bhumika Sahu
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