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नई दिल्ली: मुस्लिम महिलाओं की शादी (marriage of Muslim women) की उम्र बढ़ाने के लिए मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (Muslim Rashtriya Manch) देशभर में अभियान चलाएगा. मुस्लिम राष्ट्रीय मंच मुस्लिम महिलाओं के विवाह की न्यूनतम आयु बढ़ाने के लिए पर्सनल लॉ में संशोधन करने के वास्ते राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू करेगा, ताकि इस विषय को जनांदोलन बनाया जा सके. आरएसएस (RSS) के करीब माने जाने वाले मंच के सूत्रों ने बताया कि मंच इस अभियान के तहत मस्जिदों में महिलाओं के नमाज अदा करने के वास्ते अलग से स्थान बनाने की मांग को लेकर जनसमर्थन जुटाने का प्रयास करेगा. मंच ने कहा कि देश में मुस्लिम समाज तीन तलाक, हलाला, बहुविवाह, हिजाब, युवावस्था में लड़कियों की शादी और अन्य के दुष्प्रभावों से अवगत हो गया है. मंच ने इन मामलों पर देशव्यापी चर्चा का आह्वान किया.
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की टीम ने गाजियाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर, अमरोहा, रामपुर, देवबंद, बरेली, बिजनौर, शाहजहांपुर, संभल, बहराइच, कैराना, अलीगढ़, आगरा, कानपुर, लखनऊ, फैजाबाद, सहारनपुर, गोरखपुर, आजमगढ़, गोंडा, बस्ती, सिद्धार्थनगर, वाराणसी, मऊ, देवरिया, देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर जिलों का दौरा किया. मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने कहा कि वह मुस्लिम समाज के उत्थान के लिए देश भर में जागरूकता अभियान और जन आंदोलन चलाएगा. मंच के विभिन्न प्रकोष्ठ समाज के विभिन्न वर्गों को एक साथ लेकर सुधारों की योजना तैयार करेंगे.
उन्होंने कहा कि शिक्षित एवं प्रगतिशील परिवारों के अलावा मुस्लिम महिलाओं की शादी कम उम्र में ही हो जाती है, क्योंकि शरिया कानून के तहत तरुणाई प्राप्त करने पर वह विवाह के योग्य हो जाती हैं. उन्होंने दावा किया कि कई लड़कियों, खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में, का विवाह 12-13 वर्ष की कम आयु में ही हो जाती है और 20 साल की उम्र होने तक उनके कई बच्चे हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे में मुस्लिम महिलाओं के विवाह की न्यूनतम आयु को बढ़ाने की जरूरत है और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच इस उद्देश्य से पर्सनल लॉ में संशोधन करने के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू करेगा, ताकि विवाह की न्यूनतम आयु को बढ़ाया जा सके.
मालूम हो कि केंद्र ने पिछले साल संसद के शीतकालीन सत्र में "बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक, 2021" पेश किया था. विधेयक में महिलाओं की शादी की उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 साल करने का प्रावधान है. विधेयक को जांच के लिए संसदीय स्थायी समिति के पास भेजा गया है.
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