तेलंगाना। भारतीय फिल्म संगीतकार इलैयाराजा इन दिनों चर्चा में हैं. वजह है पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ करना. इसको लेकर अब उनकी आलोचना हो रही है, वहीं कुछ लोग उनके समर्थन में भी आए हैं. अब तेलंगाना की गवर्नर तमिलिसाई सुंदरराजन और केंद्रीय राज्य मंत्री एल मुर्गन ने इलैयाराजा का सपोर्ट किया है. तेलंगाना की राज्यपाल ने सवाल उठाया कि क्या यह सही है कि तमिलनाडु में नफरत की राजनीति के बीज बोने वाले कुछ लोग, महान संगीतकार इलैयाराजा की आलोचना कर रहे हैं. वो भी इसलिए क्योंकि उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री की तुलना बाबा साहेब अंबेडकर से की है. क्या ये तमिलनाडु में नफरत की राजनीति के बीज बोने के लिए उनकी आलोचना कर रहे हैं?
तमिलिसाई सुंदरराजन ने सवाल किया कि क्या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की अनुमति केवल चुनिंदा रूप से दी जाती है. उन्होंने तमिलनाडु को संबोधित कर लिखा कि हम जोर से कहते हैं कि इलैयाराजा को अभिव्यक्ति की पूरी स्वतंत्रता है. तमिलनाडु जागो. तेलंगाना की गर्वनर के साथ ही केंद्रीय सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री एल मुरुगन ने भी इलैयाराजा के खिलाफ अभद्र भाषा की निंदा की और ट्विटर पर डीएमके को दोषी ठहराया. उन्होंने पूछा कि इलैयाराजा सर का क्राइम क्या है. सिर्फ इतना कि उनका अलग दृष्टिकोण है. केंद्रीय राज्य मंत्री ने डीएमके के ट्विटर हैंडल को टैग कर लिखा कि इलैयाराजा के दृष्टिकोण को डीएमके और उसका इको-सिस्टम पसंद नहीं करता है.
एल मुरुगन ने इलैयाराजा के समर्थन में लिखा कि भारत का संविधान उन्हें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की अनुमति देता है. इलैयाराजा के विचार को नकारकर, डीएमके ने अपना दलित विरोधी और संविधान विरोधी स्वभाव दिखाया है. संगीत उस्ताद इलैयाराजा के भाई ने बताया कि वह प्रधानमंत्री मोदी पर की गई अपनी टिप्पणी वापस नहीं लेंगे. इलैयाराजा के भाई गंगाई अमरान ने कहा कि बढ़ती आलोचना को देखने के बाद वह इलैयाराजा से बात करने गए थे, जिस पर इलैयाराजा ने जवाब दिया था कि वह अपनी टिप्पणियों को वापस नहीं लेंगे.
गंगाई अमरान ने बताया कि इलैयाराजा ने कहा कि मैं एक फिल्म के लिए बनाई गई धुन को इसलिए वापस नहीं लूंगा क्योंकि वो किसी को यह पसंद नहीं आई और इसी तरह मैं कभी भी पीएम मोदी के बारे में अपनी टिप्पणी वापस नहीं लूंगा.
गंगाई अमरान (Gangai Amaran) ने बताया कि मैं सोशल मीडिया पर चल रहे निगेटिव पोस्ट देखकर उनसे मिलने गया था. जब मैंने उन्हें वो कमेंट्स दिखाने की कोशिश की तो उन्होंने एक नजर डालने से भी इनकार कर दिया और कहा कि पीएम मोदी ने गरीबों के कल्याण के लिए कई योजनाएं लाई हैं. मैंने किताब पढ़ी और केवल अपने विचार देने का फैसला किया. मुझे चिंता क्यों करनी चाहिए. हर किसी को अपनी राय रखने का अधिकार है.
क्या है मामला?
इलैयाराजा ने एक किताब की प्रस्तावना में प्रधानमंत्री मोदी की तुलना बीआर अंबेडकर से की है. ब्लूक्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन की ओर से प्रकाशित 'अंबेडकर एंड मोदी: रिफॉर्मर्स आइडियाज, परफॉर्मर्स इम्प्लीमेंटेशन' पुस्तक अंबेडकर जयंती (14 अप्रैल) को लॉन्च की गई थी. इसी पुस्तक की प्रस्तावना में इलैयाराजा ने लिखा, 'पुस्तक में डॉ. अंबेडकर और पीएम नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्वों के बीच कई तुलनाएं की गई हैं. दोनों ही शानदार व्यक्तित्वों ने उन बुराइयों के खिलाफ सफलता पाई.