बस्ती: बस्ती के कलवारी थाना क्षेत्र के गौसैसीपुर डड़वा पुरवा में भूमि विवाद में दर्जन भर लोगों ने एक परिवार पर हमला कर दिया। हमलावरों ने 70 वर्षीय एक बुजुर्ग राममिलन चौधरी की पीट-पीटकर हत्या कर दी। उसके 20 वर्षीय बेटे के पैर के पंजे को काट दिया। बुजुर्ग की 67 वर्षीया बहन को भी …
बस्ती: बस्ती के कलवारी थाना क्षेत्र के गौसैसीपुर डड़वा पुरवा में भूमि विवाद में दर्जन भर लोगों ने एक परिवार पर हमला कर दिया। हमलावरों ने 70 वर्षीय एक बुजुर्ग राममिलन चौधरी की पीट-पीटकर हत्या कर दी। उसके 20 वर्षीय बेटे के पैर के पंजे को काट दिया। बुजुर्ग की 67 वर्षीया बहन को भी अधमरा कर दिया। पूरे गांव को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। पुलिस ने गांव के ही हरिशंकर उर्फ रावण समेत पांच लोगों पर केस दर्ज कर तीन को हिरासत में लिया है।
शनिवार दिन में करीब 1:30 बजे राममिलन चौधरी (70 वर्ष) के घर गांव के हरिशंकर उर्फ रावण के साथ दर्जन भर लोग धारदार हथियारों से लैस होकर चढ़ गए। अचानक हुए हमले में राममिलन चौधरी गंभीर रूप से घायल हो गए। हमलावरों ने पिता को बचाने पहुंचे 20 वर्षीय विशाल चौधरी के बाएं पैर का पंजा धारदार हथियार से काट दिया। राममिलन की 67 वर्षीया बहन माला देवी पर भी मनबढ़ों ने हमला कर दिया। गांव वाले जुटने लगे तो हमलावर फरार हो गए।
मौके पर सीओ अशोक मिश्रा आधा दर्जन थानों की पुलिस लेकर मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने घायलों को सीएचसी बनहरा पहुंचाया जहां डॉक्टरों ने राममिलन को मृत घोषित कर दिया। पुलिस महानिरीक्षक आरके भारद्वाज का कहना है कि घटना में लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। मामले की जांच अपर पुलिस अधीक्षक को सौंपी गई है।
गौसैसीपुर डड़वा पुरवा में जमीन के विवाद में बुजुर्ग की हत्या और उसके बेटे तथा बहन पर जानलेवा हमला सुनियोजित था। दलित परिवार के लोगों ने धारदार हथियारों से लैस होकर हमला बोला था। इसकी वजह पुलिस-प्रशासन की लापरवाही मानी जा रही है। बिलखती गीता का कहना है कि उसके परिवार पर 25 जनवरी को हुए हमले को पुलिस ने गंभीरता से लिया होता तो यह घटना नहीं होती।
गीता ने बताया कि उसके पति राममिलन चौधरी 25 जनवरी को मकान का प्लास्टर करा रहे थे। तभी मनबढ़ों ने हमला कर दिया। उसका पूरा परिवार घायल हो गया। कलवारी पुलिस को तहरीर दी गई लेकिन उसने दोनों पक्षों को पाबंद कर चुप्पी साध ली। हमलावरों पर कार्रवाई नहीं की गई जिससे उनका मन बढ़ गया। गीता और छोटे बेटे विकास ने पुलिस को बताया कि दोपहर में भोजन करने के बाद राममिलन बरामदे में आराम कर रहे थे। विशाल तख्त पर सो रहा था। दर्जन भर लोगों ने अचानक घेर कर पीटना शुरू कर दिया। हमलावरों ने उसके पति को मार डाला और बेटे विशाल का पंजा काट दिया। उसकी ननद माला बचाने पहुंची तो उसे भी पीटकर जख्मी कर दिया। विशाल जान बचाकर भागा लेकिन सरसों के खेत में जाकर बेहोश हो गया। गीता का कहना है कि जिस जमीन पर उसका मकान है, दलित बिरादरी के लोग दावा करते हैं कि उनको पट्टा मिला है। ग्रामीणों ने बताया कि राममिलन का मकान 15 वर्ष पूर्व बना है। मकान बनते वक्त कोई विवाद नहीं था। दलित वर्ग के लोग इसे अपना रहे हैं।