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2021 में महिला पुलिसकर्मी की हत्या, अब सनसनीखेज वारदात का चला पता

jantaserishta.com
1 Oct 2023 4:02 AM GMT
2021 में महिला पुलिसकर्मी की हत्या, अब सनसनीखेज वारदात का चला पता
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आरोपी हेड कॉन्स्टेबल को गिरफ्तार कर लिया गया।
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में दो साल से लापता दिल्ली पुलिस की एक महिला कॉन्स्टेबल की हत्या किए जाने की बात सामने आई है। दिल्ली पुलिस के ही एक हेड कॉन्स्टेबल ने सितंबर 2021 में महिला कॉन्स्टेबल की हत्या कर शव नाले के पास छिपा दिया था। घटना के दो साल बाद इस सनसनीखेज वारदात का खुलासा हुआ और आरोपी हेड कॉन्स्टेबल को गुरुवार रात गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने आरोपी सुरेंद्र की निशानदेही पर नाले से महिला कॉन्स्टेबल का कंकाल बरामद कर लिया है।
पुलिस के मुताबिक, वर्ष 2012 में भर्ती हुए हेड कॉन्स्टेबल सुरेंद्र पत्नी सहित अलीपुर में रहता है। सुरेंद्र की वर्ष 2019 में कॉन्स्टेबल रुचिका यादव (परिवर्तित नाम) से मुलाकात हुई। बुलंदशहर निवासी रुचिका मुखर्जी नगर स्थित पीजी में रहकर यूपीएससी की तैयारी कर रही थी। आरोपी ने खुद को अविवाहित बताकर रुचिका से दोस्ती कर अवैध संबंध बनाए। महिला कॉन्स्टेबल के परिजन भी इस रिश्ते के लिए राजी हो गए।
8 सितंबर 2021 को रुचिका अलीपुर पहुंची और सुरेंद्र से उसके घर का पता पूछने लगी। चूंकि वह पहले से शादीशुदा था, इसलिए राज खुलने के डर से वह खुद ही अपनी कार लेकर आ गया और घुमाने के बहाने वह रुचिका को यमुना किनारे ले गया। वहां उसने रुचिका का गला घोंटकर हत्या कर दी। उसका बैग और फोन आदि ले लिया और लाश को नाले के किनारे दफना दिया। पुलिस ने बताया कि बरामद किए गए कंकाल को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। महिला कॉन्स्टेबल की मां का ब्लड सैंपल लेकर डीएनए जांच कराई जाएगी। आरोपी पांच दिन की पुलिस हिरासत में है।
8 सितंबर की रात को रुचिका का फोन नहीं लगा तो परिजनों ने मुखर्जी नगर थाने में इस बारे में शिकायत दी। इस दौरान सुरेंद्र भी उनके साथ था। महिला के परिजनों के साथ जाकर वह दिल्ली पुलिस के उच्च अधिकारियों के पास जाकर खोजने की गुहार लगाता रहा। रुचिका की बड़ी बहन पुलिस कमिश्नर के सामने पेश हुई। इसके बाद इसी साल अप्रैल महीने में अपहरण की धारा में केस दर्ज कर लिया गया। यह केस क्राइम ब्रांच रोहिणी को भेज दिया गया।
सुरेंद्र ने पुलिस और रुचिका के परिजनों को धोखा देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। वह एक कॉल गर्ल के साथ देहरादून, ऋषिकेश और मसूरी आदि शहरों के होटल में गया। वहां वह जानबूझकर रुचिका के कागजात गिरा देता था। फिर होटल में रुचिका के ही फोन से कॉल करके उसके कागजात गिरने की सूचना देता था। जब पुलिस फोन को ट्रेस करके उक्त होटल में पहुंचती थी तो होटल वाले पुष्टि कर देते थे कि उनके यहां वह लड़की आई थी। इससे पुलिस को भी लगता था कि रुचिका खुद ही अपने मां-बाप के पास जाना नहीं चाहती।
सुरेंद्र ने लोगों के सामने कहानी गढ़ी कि रुचिका किसी युवक संग चली गई है। इसके लिए उसने अपने साले रविन और उसके दोस्त की भी मदद ली। रविन के दोस्त ने अपने दस्तावेज पर किसी दूसरे की फोटो लगाकर सिमकार्ड लिया। इस सिमकार्ड से रविन अक्सर रुचिका के परिजनों को फोन करता था। वह कहता था कि रुचिका के साथ वह दूसरे शहर में है। उन्हें खोजने की कोशिश न करें। क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर राजीव कक्कड़ ने फोन नंबर की जानकारी को खंगाला। जांच के बाद रविन के दोस्त को दबोच लिया। फिर रविन और सुरेंद्र को पकड़ा गया। आरोपी वर्तमान में पीसीआर यूनिट में ड्राइवर के पद पर तैनात है।
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