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बीजेपी नेता की हत्या: आठ साल बाद कोर्ट ने सुनाया अपना फैसला, आरोपियों को अब जिंदगी भर रहेगा पछतावा

jantaserishta.com
10 April 2024 4:12 AM GMT
बीजेपी नेता की हत्या: आठ साल बाद कोर्ट ने सुनाया अपना फैसला, आरोपियों को अब जिंदगी भर रहेगा पछतावा
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6 को कोर्ट ने पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया है।
आरा: बिहार के बहुचर्चित बीजेपी नेता विशेश्वर ओझा हत्याकांड में करीब आठ साल बाद कोर्ट ने फैसला सुना दिया। गवाहों एवं साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने हत्याकांड के मुख्य आरोपी हरेश मिश्रा और उसके भाई ब्रजेश मिश्रा सहित सात आरोपियों को दोषी करार दिया है। इनमें हरेश मिश्रा और ब्रजेश मिश्रा को हत्या, हत्या की कोशिश एवं आर्म्स एक्ट, जबकि अन्य पांच को हत्या की कोशिश एवं आर्म्स एक्ट में दोषी पाया गया है। हालांकि, पुलिस की जांच में आरोपी बनाए गए अन्य 6 को कोर्ट ने पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया है।
भोजपुर की अपर जिला और सत्र न्यायाधीश-8 नीरज किशोर की ओर से मंगलवार को यह फैसला सुनाया गया। इसमें अब कोर्ट की ओर से 16 अप्रैल को सजा के बिंदु पर सुनवाई की जाएगी। हरेश मिश्रा और ब्रजेश मिश्रा आरा में करनामेपुर ओपी क्षेत्र के सोनवर्षा गांव निवासी शिवाजीत मिश्रा के बेटे हैं। अन्य दोषी आरोपियों में सोनवर्षा गांव के ही उमाकांत मिश्रा, बसंत मिश्रा, टुन्नी मिश्रा, ईश्वरपुरा गांव निवासी पप्पू सिंह और हरेंद्र सिंह उर्फ बुआ सिंह शामिल हैं। अपर लोक अभियोजक माणिक कुमार सिंह की ओर से यह जानकारी दी गई।
बता दें कि बीजेपी ने विशेश्वर ओझा की हत्या का मामला सूबे में काफी चर्चित रहा था। ओझा की 12 फरवरी, 2016 को शाहपुर थाना क्षेत्र के सोनबरसा गांव में गोली मारकर हत्या की गई थी। उस समय वे परसौंदा टोला में एक शादी में शामिल होने गए थे। बारात से गाड़ी से लौटते वक्त उनपर हमला किया किया गया। हत्या के आरोप में हरेश और ब्रजेश मिश्रा के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया गया था। इस केस के मुख्य गवाह की 2018 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
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