बाहरी दिल्ली के नरेला में कुछ फैक्ट्री कर्मचारियों ने कथित तौर पर एक 20 साल के मोबाइल झपटमार के हाथ-पैर बांधकर उसे पीट-पीटकर मार डाला। पुलिस ने इस मामले में गुरुवार को दो संदिग्ध हत्यारोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि युवक की मौत के बाद उसका शव फिर नहर में फेंक दिया गया था। आउटर-नॉर्थ जिले के डीसीपी राजीव रंजन ने बताया कि इस हत्या में चार-पांच आदमी शामिल थे। हमने दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया है और अन्य लोगों की तलाश जारी है।
नरेला में हुई लिंचिंग की यह घटना बीते दिनों उत्तरी दिल्ली की आजादपुर मंडी में कथित तौर पर हुई लिंचिंग जैसी ही नजर आती है, जिसमें भीड़ ने चोर होने के शक में दो लोगों को पीट-पीट कर मार डाला था। आजादपुर मामले में पुलिस ने कुछ हत्यारोपियों को गिरफ्तार किया है, लेकिन मृतकों के खिलाफ चोरी के मामले भी दर्ज किए हैं। नरेला लिंचिंग मामले में, पुलिस इस पर कानूनी राय ले रही रही है कि क्या उन्हें पीड़ित मोहम्मद सज्जाद के खिलाफ केस दर्ज करना चाहिए। यह पता चला है कि पुलिस ने सज्जाद के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया है क्योंकि जिस व्यक्ति का मोबाइल फोन चोरी किया गया था, उसने इस मामले में किसी भी पुलिस कार्रवाई की मांग नहीं की है। सज्जाद अपनी मां के साथ बवाना की जेजे कॉलोनी में रहता था। पुलिस ने कहा कि अभी तक उसके खिलाफ कोई भी आपराधिक रिकॉर्ड नहीं मिला है।
जांच अधिकारियों ने बताया कि कथित तौर पर लिंचिंग की यह वारदात 8 मार्च को उस वक्त हुई थी जब सज्जाद और उसके तीन दोस्त कथित रूप से बवाना नहर किनारे से जा रहे थे और वहां कुछ फैक्ट्री मजदूरों को नहर में नहाते हुए देखा। उन चारों ने कथित तौर पर उन मजदूरों में से एक का मोबाइल फोन छीन लिया, जिसकी पहचान बबलू खिलाड़ी के रूप में हुई, जो नहर के बाहर अपने साथियों का इंतजार कर रहा था।
बबलू खिलाड़ी के रोने के बाद आसपास के अन्य मजदूर भी उसकी मदद के लिए तुरंत मौके पर पहुंच गए। हालांकि इस बीच सज्जाद के दोस्त छीने गए मोबाइल फोन को लेकर वहां से भागने में सफल रहे, लेकिन उन मजदूरों ने सज्जाद को पकड़ लिया और जमकर पीटा। वो लोग सज्जाद को पीटते रहे और उससे चोरी किए गए फोन को वापस करने के लिए कहते रहे। पुलिस ने कहा कि उससे फोन बरामद करने में नाकाम रहने पर वो सज्जाद को नरेला इंडस्ट्रियल एरिया की एक फैक्ट्री में ले गए जहां वो काम करते थे। यहां उन्होंने सज्जाद को बांध दिया और उसे तब तक पीटा जब तक वह मर नहीं गया। कथित हत्यारों ने उसके उसके बंधे हुए हाथ-पैरों के साथ शव को हैदरपुर नहर में फेंक दिया।
सज्जाद की मां ने पुलिस से छुपाई थी सच्चाई
डीसीपी ने कहा कि इस बीच, सज्जाद के दोस्तों ने चोरी किया गया मोबाइल फोन उसकी मां को देते हुए उन्हें बताया कि कुछ लोगों ने उनके बेटे को फोन छीनते हुए पकड़ लिया है। इस मामले में सज्जाद की मां ने बाद में बेटे की गुमशुदगी शिकायत दर्ज कराने के लिए नरेला थाने पहुंची थी, लेकिन उसने पुलिस को न तो यह बताया कि वह किन परिस्थितियों में गायब हुआ है और ना ही उसने जांच अधिकारियों को वह मोबाइल फोन सौंपा। इस बीच 11 मार्च को सज्जाद का शव केएन काटजू मार्ग थाना क्षेत्र के तहत हैदरपुर नहर से बरामद किया गया। पुलिस ने लापता व्यक्तियों के रिकॉर्ड की जांच की और शव की पहचान सज्जाद के रूप में की गई।
बेटे की मौत के बाद पुलिस को सौंपा मोबाइल फोन
डीसीपी ने कहा, "जब सज्जाद की मां को यह पता चला कि उसका बेटा मर गया है, तब उसने पुलिस के सामने वो फोन पेश किया और उसने अपने बेटे के लापता होने की परिस्थितियों के बारे में बताया और उसके तीन दोस्तों की भूमिका का भी उल्लेख किया जो वहां से भागने में कामयाब रहे थे। इस समय तक सज्जाद और उसके तीन दोस्त कथित तौर पर उसके साथ झपटमारी के अपराध में शामिल थे, जो भाग गए थे, लेकिन पुलिस ने उन फैक्ट्री मजदूरों की तलाश शुरू कर दी जिन पर सज्जाद की हत्या का शक था। हालांकि, तब तक पांच मजदूर दिल्ली भाग चुके थे। गुरुवार को पुलिस ने कथित हत्यारों में से दो बबलू खिलाड़ी और राजकुमार प्रसाद को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने कहा कि बबलू कथित तौर पर मुख्य संदिग्ध था, जिसका फोन छीना गया था। दोनों लोगों पर हत्या का मामला दर्ज किया गया है।