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2006 में हत्या: 2024 में मिला लड़की का सिर, मामला जानकर रह जाएंगे दंग

jantaserishta.com
13 Nov 2024 5:15 AM GMT
2006 में हत्या: 2024 में मिला लड़की का सिर, मामला जानकर रह जाएंगे दंग
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सांकेतिक तस्वीर

कोर्ट पहुंचे.
नई दिल्ली: 13 साल की एक लड़की, जिसकी गोवा में 18 साल पहले हत्या कर शव को कई टुकड़ों में काट दिया गया. इस वारदात को अंजाम देने वाले को तो आजीवन कारावास की सजा दे दी गई, लेकिन लड़की के माता-पिता चाहते थे कि अपनी बेटी का अंतिम संस्कार सम्मानपूर्वक करें. इसके लिए उन्होंने कोर्ट का रुख किया, जिसके बाद अदालत ने उन्हें खोपड़ी (सिर) सौंप दी, जिसे 16 साल पहले बरामद किया गया था. हम बात कर रहे हैं केरल की रहने वाली सोफिया की...
केरल की कासरगोड अदालत से जब सोफिया के माता-पिता को बंद बॉक्स मिला, उनके हाथ कांपने लगे और आंखें भर आईं क्योंकि इस बॉक्स में उनकी बच्ची की खोपड़ी रखी थी. सोफिया कासरगोड के ही एक ठेकेदार के घर में नौकरानी के रूम में काम करती थी, उसकी साल 2006 में गोवा में हत्या कर दी गई थी और शव के टुकड़े-टुकड़े कर फेंक दिया गया था.
पुलिस के अनुसार, मूल रूप से कर्नाटक की रहने वाली 13 साल की सोफिया की दिसंबर, 2006 में हत्या कर दी गई थी. वह कासरगोड के एक ठेकेदार केसी हम्सा के घर में नौकरानी के रूप में काम कर रही थी. कथित तौर पर सोफिया किचन में गंभीर रूप से जल गई थई और सजा के डर से ठेकेदार ने लड़की की हत्या कर शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर दिए और फिर उन्हें गोवा में एक निर्माणाधीन बांध स्थल पर फेंक दिया.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सोफिया के शव के अवशेष 2008 में बरामद किए गए थे. हालांकि आरोपी को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया था और एक स्थानीय अदालत ने 2015 में उसे मौत की सजा सुनाई थी, लेकिन केरल हाई कोर्ट ने 2019 में उसकी सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया.
बेटी की हत्या करने वाले आरोपी को तो सजा मिल गई, लेकिन माता-पिता चाहते थे कि उनकी बेटी की आखिरी विदाई सम्मानपूर्वक की जाए. इसके लिए कर्नाटक के कूर्ग का रहने वाले लड़की के परिवार ने अदालत का रुख किया कि उनकी बेटी का शव उन्हें सौंप दिया जाए ताकि वे अपने धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार उसका अंतिम संस्कार कर सकें.
कासरगोड के प्रिंसिपल सेशंस कोर्ट ने उनकी मांग को स्वीकार करते हुए सोमवार को उन्हें लड़की की खोपड़ी को सौंप दिया. जब अदालत द्वारा बॉक्स मृतका की मां आयशा और पिता मोइथु को सौंपा गया, उस समय उनके गांव के लोग और करीबी रिश्तेदार भी मौजूद थे. पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि पार्थिव शरीर को उनके पैतृक स्थान ले जाया गया और सोमवार रात को ही एक स्थानीय मस्जिद में दफनाया गया.
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