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बदलेगा नगर निगम चुनाव का समीकरण, महिलाओं का प्रतिनिधित्व होगा अधिक

jantaserishta.com
19 Nov 2022 9:22 AM GMT
बदलेगा नगर निगम चुनाव का समीकरण, महिलाओं का प्रतिनिधित्व होगा अधिक
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नई दिल्ली (आईएएनएस)| दिल्ली नगर निगम चुनाव में आदमी पार्टी ने अपने 250 प्रत्याशियों में से 150 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। महिलाओं को बड़ी संख्या में उम्मीदवार बनाने में भारतीय जनता पार्टी भी पीछे नहीं है। भारतीय जनता पार्टी ने भी 136 महिला उम्मीदवारों को प्रत्याशी बनाया है। चुनाव में आम आदमी पार्टी और बीजेपी में बेहद नजदीकी मुकाबला देखा जा रहा है। ऐसे माहौल में महिला उम्मीदवारों की भागीदारी भी इस मुकाबले को और भी ज्यादा निर्णायक बना सकती है। इस बार हुए परिसीमन से भी नगर निगम चुनाव पर बहुत बड़ा असर देखने को मिलेगा। दिल्ली नगर निगम चुनाव पर परिसीमन का असर:
परिसीमन के बाद वाडरें की संख्या कम कर दी गई है। इसका सीधा प्रभाव किसी भी पार्टी उम्मीदवारों के जीत-हार को भी प्रभावित करेगा और इसके लिए सबसे बड़ा आधार जातीय समीकरण होगा। परिसीमन के बाद कई वाडरें के क्षेत्र बढ़ाए गए हैं और कम किए गए हैं। 2017 की तुलना में परिसीमन के बाद 23 वार्ड में वोटर कम हो गए हैं, जिसमें पश्चिमी दिल्ली संसदीय क्षेत्र के अकेले 7 वार्ड शामिल हैं। इसलिए यह तय है कि परिसीमन के बाद दिल्ली नगर निगम चुनाव वार्ड क्षेत्र जातिय समीकरण, क्षेत्र में वोटरों की संख्या और कार्यकतार्ओं का जमीनी आधार पर मुकाबला काफी रोमांचक होने वाला है। उम्मीदवारों के लिए निर्धारित वार्ड से अपील को वोटों में बदलना भी इतना आसान नहीं होगा।
चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 150 महिला उम्मीदवारों को निगम चुनाव के मैदान में उतारा है जिसमें 104 महिलाएं सामान्य वर्ग से और 21 महिलाएं अनुसूचित जाति से आती हैं और बीजेपी ने भी 136 महिलाओं को उम्मीदवार बनाया है। 2017 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी ने इतने बड़े पैमाने पर महिलाओं को उम्मीदवार नहीं बनाया था। इस बार इन दोनों पार्टियों की महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा प्रतिनिधित्व देने की रणनीति कितना काम करेगी, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन इससे नगर निगम चुनाव का समीकरण जरूर बदलने वाला है और महिलाओं की भागीदारी इस नगर निगम चुनाव के मुकाबले को और ज्यादा निर्णायक बना देगी
आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी ने इस बार नगर निगम चुनाव में पुराने पार्षदों को भी कम टिकट दिया है। बीजेपी की पहली सूची में 232 उम्मीदवारों में से बड़ी संख्या में पुराने पार्षदों का टिकट कटा है। 2017 एमसीडी चुनाव में बीजेपी के जहां 182 पार्षद में से 61 पार्षदों को ही टिकट मिला है, वहीं दूसरी ओर आम आदमी पार्टी ने तो एक को छोड़कर सभी उम्मीदवारों को बदल दिया है। इसके अलावा उन्होंने 5 सालों में जमीन पर उतर कर काम करने वाले कार्यकर्ताओं पर विश्वास जताया है। ज्यादा से ज्यादा नए उम्मीदवारों को टिकट मिलना भी नगर निगम चुनाव के मुकाबले को और रोचक बनाएगा और एक निर्णायक भूमिका निभाएगा।
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