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जर्मनी (Germany) के म्यूनिख (Munich) में बुधवार को एक व्यस्त रेलवे लाइन के बगल में स्थित निर्माण स्थल पर द्वितीय विश्व युद्ध (Second World War) के एक बम में धमाका (Bomb Blast in Munich) हो गया
जर्मनी (Germany) के म्यूनिख (Munich) में बुधवार को एक व्यस्त रेलवे लाइन के बगल में स्थित निर्माण स्थल पर द्वितीय विश्व युद्ध (Second World War) के एक बम में धमाका (Bomb Blast in Munich) हो गया. इस विस्फोट की वजह से चार लोग घायल हो गए, जिनमें से एक की हालत गंभीर है. जर्मन अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी. डोनर्सबर्गरब्रुके स्टेशन के पास निर्माण स्थल से धुएं को उठते हुए देखा गया. एक नई कम्यूटर ट्रेन लाइन के लिए म्यूनिख के सेंट्रल स्टेशन (Munich's central station) के पास ही निर्माण स्थल है.
म्यूनिख स्टेशन जर्मनी के सबसे व्यस्त स्टेशनों में से एक है. धमाके के बाद स्टेशन से आने-जाने वाली ट्रेनों को निलंबित कर दिया गया, लेकिन दोपहर के मध्य में सेवा फिर से शुरू हो गई. एहतियातन कुछ लोकल ट्रेनों को खाली कराया गया. दमकल सेवा ने कहा कि धमाके की वजह से पटरियों को कोई नुकसान नहीं हुआ है. युद्ध की समाप्ति के 76 साल बाद भी और अक्सर निर्माण स्थलों पर काम के दौरान जर्मनी में अभी भी द्वितीय विश्व युद्ध के बिना फटे हुए बम पाए जा रहे हैं. उन्हें आमतौर पर नियंत्रित विस्फोटों में निष्क्रिय या निपटा दिया जाता है. ये एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें कभी-कभी एहतियात के तौर पर बड़े पैमाने पर निकासी की आवश्यकता होती है.
ड्रिलिंग कार्य के दौरान हुआ बम धमाका
जर्मन समाचार एजेंसी डीपीए ने बताया कि बावेरिया के राज्य के आंतरिक मंत्री जोआचिम हेरमैन (Joachim Herrmann) ने कहा कि 550 पाउंड का बम ड्रिलिंग कार्य के दौरान पाया गया था. हेरमैन ने कहा कि अधिकारियों को अब इसकी जांच करनी चाहिए कि ये पहले क्यों नहीं खोजा गया था. उन्होंने नोट किया कि ऐसे निर्माण स्थलों को आमतौर पर संभावित बिना फटे बमों के लिए सावधानीपूर्वक स्कैन किया जाता है.
ब्रिटिश और अमेरिकी युद्धक विमानों (US Fighter Jets) ने जर्मनी में खूब बम बरसाए थे, जिसमें 6,00,000 लोग मारे गए. अधिकारियों का अनुमान है कि 15 प्रतिशत बम फट नहीं पाए, जिनमें से कुछ 20 फीट गहरे जमीन में दबे हुए थे. गौरतलब है कि द्वितीय विश्व युद्ध (World War II) के दौरान जर्मनी को हार का सामना करना पड़ा था. जर्मनी को हराने के लिए अमेरिकी और ब्रिटिश विमानों ने उसकी हथियारों और आयुध की फैक्ट्रियों को निशाना बनाया था.
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