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दिल्ली के मध्य जिले की पुलिस को दो दिन से एक पाकिस्तानी मूल की महिला की ‘लाश’ ने छका रखा है. ऐसा नहीं है कि लाश की पहचान न हुई हो, जिसके चलते पुलिस बेहाल हो. कत्ल की गई महिला की पहचान भी हो चुकी है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क :- राजधानी दिल्ली के मध्य जिले की पुलिस को दो दिन से एक पाकिस्तानी मूल की महिला की 'लाश' ने छका रखा है. ऐसा नहीं है कि लाश की पहचान न हुई हो, जिसके चलते पुलिस बेहाल हो. कत्ल की गई महिला की पहचान भी हो चुकी है. इसके बाद भी मगर शनिवार शाम तक लाश का कोई दावेदार निकल कर सामने नहीं आया है. दरअसल, इस सबकी जड़ में मूल रूप से जो वजह हाल-फिलहाल सामने निकल कर आ रही है वो वजह है, 50-55 साल की महिला मुमताज का एक पाकिस्तानी से विवाह कर लेना. पाकिस्तानी नागरिक से निकाह करने के बाद मुमताज हिंदुस्तान छोड़कर शौहर के साथ पाकिस्तान चली गई थी. कई साल पाकिस्तान में रहने के चलते उसकी हिंदुस्तान की नागरिकता (सिटीजनशिप) भी खुद-ब-खुद ही जाती रही.
इसके बाद अचानक मुमताज की जिंदगी में उथल-पुथल मची, जिसके चलते वो पाकिस्तानी शौहर के साथ पाकिस्तान छोड़कर वापस भारत (हिंदुस्तान) लौट आई. तब तक मगर पाकिस्तानी नागरिक से निकाह करने और फिर पाकिस्तान में जाकर लंबे समय तक रहने के चलते, हिंदुस्तानी हुकूमत ने उसकी भारतीय नागरिकता खतम कर दी, जिसके बाद मुमताज ने हिंदुस्तानी हुकूमत (केंद्रीय गृह मंत्रालय) से गुजारिश की कि वो उसकी, भारतीय नागरिकता दुबारा से बहाल कर दे. मध्य दिल्ली जिला पुलिस उपायुक्त आईपीएस जसमीत सिंह के मुताबिक, मुमताज के खिलाफ गैर-कानूनी तरीके से भारत में रहने के बाबत, मध्य दिल्ली जिले के आईपी एस्टेट थाने में मुकदमा भी दर्ज मिला है. एफआईआर के मुताबिक यह मुकदमा सन् 1997 के अंतिम महीनों में दर्ज किया गया था. जिसमें उल्लेख है कि मुमताज ने पाकिस्तानी नागरिक होने के बाद भी वीजा-पासपोर्ट कानून का उल्लंघन किया है. वो गैर-कानूनी तरीके से चूंकि दिल्ली में रह रही थी. जबकि उसकी नागरिकता पाकिस्तान की थी."
लाश की जिम्मेदारी लेने को राजी नहीं
मुमताज को भारत की दुबारा नागरिकता हासिल हो पाती, उससे पहले ही उसके पाकिस्तानी पति की मौत हो गई. मूल रूप से दिल्ली से सटे यूपी के मेरठ जिले की रहने वाली मुमताज ने पाकिस्तानी शौहर की मौत के बाद, एक हिंदुस्तानी शख्स से शादी कर ली. यह तमाम बातें मौके पर पहुंची मध्य दिल्ली जिले के चांदनी महल थाने की पुलिस को पड़ोसियों से ही पता चलीं. दिल्ली पुलिस ने मेरठ में उपलब्ध मुमताज के कुछ संपर्कों से बात की. उन सबने मुमताज की शिनाख्त और उसके पाकिस्तानी से निकाह की बात तो कबूली/बताई. मगर शव की जिम्मेदारी लेने शनिवार रात तक कोई भी दिल्ली नहीं आया था. इसकी पुष्टि मध्य दिल्ली जिला डीसीपी भी टीवी9 भारतवर्ष से करते हैं. मुमताज जब तक जीवित थी उसे लेकर किसी तरह का कोई झंझट नहीं था. बबाल तब मचा जब शुक्रवार शाम करीब साढ़े सात बजे दिल्ली के चादंनी महल थाना इलाके में रहने वाली मुमताज के मकान से पड़ोसियों को बदबू आनी शुरू हुई.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट का है इंतजार
सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची, तो मुमताज के घर के बाहर ताला लगा हुआ था. चाबी ताले में ही फंसी हुई थी. पुलिस ने अंदर जाकर देखा तो मुमताज की सड़ी-गली लाश मिली. डीसीपी सेंट्रल दिल्ली के मुताबिक, "लाश कई दिन पुरानी लग रही है. हत्या सिर पर किसी भारी चीज से चोट करके किया जाना प्रतीत होती है. फिलहाल शव का पोस्टमार्टम नहीं कराया जा सका है. शव को 72 घंटे के लिए पोस्टमॉर्टम हाउस में सुरक्षित रखवा दिया गया है. इंतजार किया जा रहा है कि, मुमताज के शव की पहचान करके कोई उसका अपना ब्लड-रिलेशन सही तथ्य पेश कर दे." मुमताज की हत्या क्यों और किसने की होगी? अभी इन सवालों का जबाब किसी के पास नहीं है. हत्या कब की गई है? इसका पता भी पोस्टमॉर्टम के बाद ही लग सकेगा.
सवाल जिन्होंने पुलिस को भी उलझा दिया
अगर पूरे मामले में कोई विशेष बात है तो वह यह कि, एक पाकिस्तानी नागरिक से निकाह करके हिंदुस्तानी मूल की मुमताज को इतनी दर्दनाक मौत मिली. न वो पाकिस्तान की बहू बनकर चैन से रह सकी, न ही उसे हमवतन हिंदुस्तान में उसके आखिरी वक्त तक भारतीय नागरिकता नसीब हो सकी. पड़ोसियों की बात अगर मानी जाए तो कुछ समय से मुमताज किसी हिंदुस्तानी नागरिक के साथ ही रह रही थी. उसकी भी कुछ महीने पहले मौत हो चुकी है. पड़ोसियों ने पुलिस को बताया है कि जिंदगी के आखिरी वक्त में मुमताज बेहद गरीबी के आलम में जैसे-तैसे दिन गुजार रही थी. दिल्ली जैसे शहर में खुद का मकान होने के बाद भी मुमताज जिंदगी के अंतिम दिनों में दाने-दाने को मोहताज थी. ऐसे में भला उसकी हत्या क्यों और कौन करेगा? पुलिस इन तमाम उलझे हुए सवालों के जबाब पाने में दो दिन से खुद उलझी हुई है.
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