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मुख्तार अंसारी आज होगा सुपुर्द-ए-खाक, जनाजे में नहीं शामिल हो पाएंगे बेटे अब्बास अंसारी

jantaserishta.com
29 March 2024 6:30 PM GMT
मुख्तार अंसारी आज होगा सुपुर्द-ए-खाक, जनाजे में नहीं शामिल हो पाएंगे बेटे अब्बास अंसारी
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यूपी के माफिया रहे मुख्तार अंसारी की गुरुवार को बांदा जेल में तबीयत खराब होने के बाद मौत हो गई. इसके बाद शुक्रवार को पोस्टमार्टम कराकर शव परिवार को सौंप दिया गया है. मुख्तार को शनिवार को मोहम्मदाबाद स्थित कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा. इसके लिए डीआईजी वाराणसी रेंज ओमप्रकाश सिंह, जिलाधिकारी आर्यका अखौरी और एसपी ओमवीर सिंह ने पुलिस बल के साथ कब्रिस्तान का मुआयना भी किया है. मुख्तार अंसारी की कब्र उनके पिता सुभान उल्लाह अंसारी के बगल में खोदी जाएगी. वहीं मुख्तार अंसारी का शव परिवारवालों की मौजूदगी में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा.

मुख्तार अंसारी को शनिवार सुबह 10 बजे कालीबाग कब्रिस्तान में दफनाया जाएगा. मुख्तार के भतीजे विधायक सुहैब अंसारी ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी है. अब्बास अंसारी ने अपने पिता मुख्तार के जनाजे में शामिल होने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. सुप्रीम कोर्ट में आज छुट्टी है, इसलिए अब्बास अंसारी के वकील ने SC के वेकेशन ऑफिसर से संपर्क किया है और कोर्ट से जल्द से जल्द इस मांग पर सुनवाई की मांग की है. लिहाजा अब्बास अंसारी की याचिका पर आज रात सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की संभावना नहीं है. बताया जा रहा है कि जेल में बंद अब्बास के पहुंचने की संभावना नहीं है. वहीं मुख्तार के जनाजे में पत्नी अफशां अंसारी के पहुंचने की भी कोई संभावना नहीं हैं, क्योंकि अफशां अंसारी पर कुल 11 केस दर्ज हैं और वह फरार है.
मुख्तार का शव भारी पुलिस सुरक्षा के बीच गाजीपुर के लिए रवाना किया गया. मुख्तार के शव के साथ पुलिस का काफिला चल रहा है. काफिले में पुलिस की कई गाड़ियां मौजूद हैं. मुख्तार का शव पहुंचाने के लिए पुलिस ने पहले से ही रूट तैयार कर लिया था. मुख्तार को बांदा से चित्रकूट, कौशांबी, भदोही होते हुए गाजीपुर ले जाया जा रहा है. काफिले में 2 वज्र वाहन, 2 एंबुलेंस और दर्जनभर पुलिस की गाड़ियां मौजूद हैं. एक डिप्टी एसपी रैंक के अफसर के नेतृत्व में काफिला रवाना हुआ.
बता दें कि मुख्तार के बेटे उमर अंसारी ने बांदा के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर मांग की थी कि उनके पिता का पोस्टमॉर्टम दिल्ली एम्स के डॉक्टरों से कराया जाए. अपने पत्र में अंसारी ने लिखा कि उनके परिवार को बांदा की चिकित्सा व्यवस्था पर भरोसा नहीं है. वहीं, उमर ने कहा कि पोस्टमॉर्टम अभी शुरू नहीं हुआ है. मैंने एक पत्र लिखा है, उसमें सब कुछ स्पष्ट रूप से लिखा है.
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