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मुख्तार अब्बास नकवी : भारत में हिजाब पहनने पर कोई प्रतिबंध नहीं हैं

Rani Sahu
27 Feb 2022 3:27 PM GMT
मुख्तार अब्बास नकवी : भारत में हिजाब पहनने पर कोई प्रतिबंध नहीं हैं
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कर्नाटक (Karnataka) में हिजाब को लेकर पैदा विवाद के बीच केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी (Mukhtar Abbas Naqvi) ने रविवार को कहा कि देश में हिजाब पहनने पर कोई पाबंदी नहीं है

हैदराबाद: कर्नाटक (Karnataka) में हिजाब को लेकर पैदा विवाद के बीच केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी (Mukhtar Abbas Naqvi) ने रविवार को कहा कि देश में हिजाब पहनने पर कोई पाबंदी नहीं है और लोगों को यह समझने की ज़रूरत है कि संवैधानिक अधिकार और कर्तव्य समान रूप से अहम हैं. नकवी ने यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा," मामला अदालत में है... भारत में हिजाब (Hijab) पर कोई प्रतिबंध नहीं है. यह स्पष्ट है.." उन्होंने कहा, " बेशक, कुछ संस्थानों का अपना अनुशासन, वर्दी संहिता और वर्दी होती है. जब हम संविधान के अधिकारों की बात करते हैं तो हमें संवैधानिक कर्तव्यों की भी बात करनी पड़ती है." उन्होंने इस बारे में विस्तार से बात नहीं की.

इससे पहले, नकवी, केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी और तेलंगाना के गृह मंत्री मोहम्मद महमूद अली ने यहां 37वें 'हुनर हाट' का उद्घाटन किया. नकवी ने कहा कि 'हुनर हाट' कारीगरों और शिल्पकारों को 'सशक्त बनाने का एक कुशल प्रयास' है और इसने पिछले सात वर्षों में लगभग आठ लाख कारीगरों और शिल्पकारों को रोजगार के मौके प्रदान किए हैं. उन्होंने कहा कि "हुनर हाट" प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'आत्मनिर्भर भारत' और 'वोकल फॉर लोकल' अभियान का 'विश्वसनीय ब्रांड' बन गया है.
नकवी ने कहा कि इस पहल ने देश के दूर-दराज के क्षेत्रों के लाखों परिवारों में ऊर्जा और उत्साह का संचार किया है, जो पारंपरिक कला और शिल्प कौशल में लगे हुए हैं. समारोह को संबोधित करते हुए, किशन रेड्डी ने कहा कि "हुनर हाट" प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मेक इन इंडिया' अभियान को मजबूत कर रहा है. उन्होंने कहा कि "हुनर हाट" देश की पारंपरिक कला, कौशल और गौरवशाली विरासत के संरक्षण और प्रचार का एक प्रभावी मंच है.
हिजाब विवाद तब शुरू हुआ था जब पिछले साल दिसंबर में कर्नाटक के तटीय जिला मुख्यालय उडुपी में प्री-यूनिवर्सिटी महिला कॉलेज में कथित तौर पर हिजाब पहने होने के कारण छह छात्राओं को प्रवेश नहीं दिया गया, क्योंकि यह वर्दी के खिलाफ था. इसके बाद छात्राओं ने उच्च न्यायालय का रुख किया जिसने पिछले हफ्ते सुनवाई पूरी कर ली है और जल्द ही फैसला सुना सकती है.
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