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मुकेश अंबानी अपनी सुरक्षा में करते हैं इतने खर्च, Z प्लस सिक्युरिटी है तैनात

Deepa Sahu
27 Feb 2021 2:22 AM GMT
मुकेश अंबानी अपनी सुरक्षा में करते हैं इतने खर्च, Z प्लस सिक्युरिटी है तैनात
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देश के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक मिलने के बाद

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: देश के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक मिलने के बाद मुंबई पुलिस ने उनकी सुरक्षा और कड़ी कर दी है। अपनी मेहनत और लगन से रिलायंस इंडस्ट्री के मालिक मुकेश अंबानी अपने बिजनेस को लगातार बढ़ाते रहते हैं। वो अपनी टीम के साथ मिलकर लगातार वो प्रयास करते हैं, जिनसे उनके बिजनेस में दिन-रात बढ़ोतरी देखी जाती है। क्या आप जानते हैं। मुकेश अंबानी और उनके परिवार की सुरक्षा करने के लिए कितना खर्चा आता है। आज हम इस बात का जबाव देंगे।

उद्योगपति मुकेश अंबानी को Z प्लस सिक्युरिटी मिली हुई है। जिसका महीने का ख्रर्चा 20 लाख/महीना है। जिसका खर्चा अंबानी खुद ही उठाते हैं। इसके अलावा रहने की व्यवस्था भी की जाती है। Z प्लस सुरक्षा होने के कारण मुकेश अंबानी की सुरक्षा में एक समय पर 55 सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं। इनमें 10 एनएसजी और एसपीजी कमांडो के साथ अन्य पुलिस कर्मी भी होते हैं।
इस दमदार कार में सवारी करते हैं मुकेश अंबानी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनके बास 170 से ज्यादा कारें हैं। यही नहीं उनकी एक कार बीएमडब्ल्यू 760Li तो पूरी तरह से बुलेटप्रूफ है, जो उनको कड़ी सुरक्षा प्रदान करती है। इस कार की कीमत 8 करोड़ 50 लाख रुपये है। इस कार में लैपटॉप, टीवी स्क्रीन, कॉन्फ्रेंस सेंटर जैसी कई सुविधाएं मौजूद हैं। इसके अलावा उनके बास बेंटले, रोल्स रॉयस जैसी कई लग्जरी व महंगी गाड़ियां हैं।
नीता अंबानी को मिली है Y कैटेगरी की सुरक्षा
मुकेश अंबानी की पत्नी नीता अंबानी को भी Y कैटेगरी की सिक्युरिटी दी गई है। हथियारों से लैस दस सीआरपीएफ कमांडो नीता की सुरक्षा में तैनात रहते हैं। नीता अंबानी देशभर में जहां भी जाती हैं, ये सिक्युरिटी गार्ड्स उनकी हिफाजत करते हैं।
अंबानी की सुरक्षा को लेकर सुप्रीम में डाली थी याचिका
सुप्रीम कोर्ट ने रिलायंस इंडस्ट्री के चेयरमैन मुकेश अंबानी व उनके परिवार से जेड प्लस सुरक्षा कवर वापस लेने की मांग करने वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया था।जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने बॉम्बे हाईकोर्ट के दिसंबर, 2019 के आदेश के खिलाफ दायर याचिका को खारिज करते हुए कहा, किसी व्यक्ति पर खतरे की आशंका का आकलन व समीक्षा करना और इस पर फैसला लेना राज्य सरकार का काम है। यह याचिका हिमांशु अग्रवाल ने दायर की थी।
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