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मुकेश अंबानी केस: अब सामने आया तिहाड़ जेल कनेक्शन, सुरक्षा एजेंसियों के हाथ लगी ये कामयाबी

jantaserishta.com
11 March 2021 4:53 AM GMT
मुकेश अंबानी केस: अब सामने आया तिहाड़ जेल कनेक्शन, सुरक्षा एजेंसियों के हाथ लगी ये कामयाबी
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मुंबई स्थित एंटीलिया के बाहर खड़ी स्कार्पियो से जिलेटिन बरामद होने के मामले में नया खुलासा हुआ है. इस पूरे मामले के तार दिल्ली के तिहाड़ जेल से जुड़ रहे हैं. जिस टेलीग्राम चैनल से जैश-उल-हिंद ने धमकी दी थी, उसे तिहाड़ जेल में बनाया गया था. सुरक्षा एजेंसियों ने नंबर को ट्रैक किया है. अब इस मामले की जांच की रही है.

इस बीच स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हीरेन की संदिग्ध मौत के मामले में पुलिस अधिकारी सचिन वाजे का नाम आया है. मनसुख के परिवारवालों ने सचिन वाजे पर हत्या का आरोप लगाया है. विपक्ष के दबाव में आकर महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने एलान किया कि सचिन वाजे का क्राइम ब्रांच से ट्रांसफर कर दिया गया है.
पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को लेकर विपक्ष के हमले नहीं रूक रहे. विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया कि मनसुख हीरेन का का मर्डर बहुत प्लानिंग के साथ किया गया और महाराष्ट्र की सरकार चाहती ही नहीं है कि इस केस की निष्पक्ष जांच हो. गौरतलब है कि 5 मार्च को ठाणे क्रीक में मनसुख हीरेन की लाश मिली थी.
एटीएस की ठाणे यूनिट में बुधवार को मनसुख हीरेन की पत्नी और उनके बेटे बयान दर्ज कराने पहुंचे और करीब पांच घंटे वहां रहे. एटीएस ने बुधवार को मनसुख की मौत के केस में सचिन वाजे का बयान भी दर्ज किया. वाजे ने अपने बयान में मनसुख स्कॉर्पियो अपने पास रखने के आरोप से इनकार किया. एंटीलिया के सामने इसी स्कॉर्पियो में जिलेटन की छड़े रखी मिली थीं.
विपक्ष के हमले का उद्धव ने दिया जवाब
मनसुख की मौत की जांच महाराष्ट्र एटीएस कर रही है. मनसुख की पत्नी ने एफआईआर में सचिन वाजे को मनसुख का कातिल बताया है. फडणवीस ने सरकार पर वाजे को बचाने का आरोप लगाया. इस बीच मुख्यमंत्री उद्व ठाकरे ने विपक्ष के आरोपों का जवाब दिया और सासंद मोहन डालेकर की सुसाइड के लिए बीजेपी को घेरने की कोशिश की.
विवादास्पद पुलिस अधिकारी हैं सचिन वाजे
सचिन वाजे को विवादास्पद पुलिस अधिकारी के रूप में जाना जाता है. 30 साल के करिअर में सचिन वाजे ने 63 अपराधियों का एनकाउंटर किया है. कुख्यात गुंडे मुन्ना नेपाली का सचिन वाजे ने एनकाउंटर किया था. 2 दिसंबर, 2002 को घाटकोपर, मुंबई में एक बस में बमबारी की गई थी, इसमें दो लोग मारे गए थे, 39 लोग घायल हुए थे, पुलिस ने मामले में आठ लोगों को गिरफ्तार किया था, एक आरोपी का नाम ख्वाजा यूनुस था, पुलिस हिरासत में रहते हुए यूनुस की मौत हो गई थी.
इस मामले में सचिन वाजे और तीन अन्य पुलिस कर्मियों पर हत्या और साक्ष्य छिपाने का आरोप लगाया गया था. 2004 में सचिन वाजे को दूसरे पुलिसवालों के साथ निलंबित भी किया गया था. 2007 में सचिन वाजे ने पुलिस की नौकरी से इस्तीफा दे दिया. हालांकि, उनके इस्तीफे को स्वीकार नहीं किया गया था, क्योंकि मामले की जांच चल रही थी.
2008 में दशहरा रैली में सचिन वाजे शिवसेना में शामिल हो गए, लेकिन वो पार्टी में ज्यादा सक्रिय नहीं दिखे, 16 साल तक पुलिस की नौकरी से दूर रहे सचिन वाजे ने 9 जून, 2020 को फिर से नौकरी में वापसी की और उन्हें क्राइम ब्रांच में अहम पोस्टिंग दी गई.
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