एमआर ने की पत्नी और बेटी की हत्या, वारदात की कहानी सुन पुलिस हैरान
यूपी। कानपुर से दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है. यहां एक शख्स बैंक लोन के भार से दबकर इतना परेशान हुआ कि उसने पत्नी और तीन साल की बच्ची की हत्या कर दी और खुद भी जान देने की कोशिश की, हालांकि हाथ की नस काटने और खून बह जाने के बावजूद वह जिंदा बच गया. युवक एमआर था और फिर अपनी दुकान चलाने के लिए उसने बैंक से लोन लिया था. जिसकी किस्त न भर पाने के कारण और बार-बार तगादे से तंग आकर उसने ये कदम उठा लिया. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
लोन की किस्तों के चक्कर में पहले उसकी दुकान का धंधा चौपट हुआ फिर जब किस्तों का बोझ बढ़ा तो उसने अपना परिवार ही खत्म करने की योजना बना डाली. जानकारी के मुताबिक कानपुर के कांशीराम कॉलोनी निवासी अर्जुन जायसवाल पहले एमआर थे.
नौकरी के दौरान ही उनका लखनऊ की रहने वाली निशा से अफेयर हो गया. साल 2019 में उन्होंने घर वालों की नाराजगी के बावजूद निशा से लव मैरिज कर ली. परिवार को और अच्छा चलने के लिए अर्जुन ने अपनी नौकरी छोड़कर बैंक से लोन लेकर एक दुकान खोली. बस यहीं से अर्जुन की दुनिया बर्बादी के पायदान चढ़ती गई. अर्जुन की दुकान चल नहीं पाई लेकिन धीरे-धीरे बैंक लोन की किस्त बढ़ती गई.
वह जितना दुकान से कमाते थे, सब बैंक लोन की किस्तों में चला जाता था. अर्जुन ने एक-एक करके कई बैंकों से लोन लिया था. उनका लोन लगभग 6 लाख रुपये का था. लोन की किस्त न भरने से बैंक के एजेंट दबाव बना रहे थे. उन्होंने कई प्राइवेट बैंकों से लोन लिया था. ऐसे में वह लोग उसे घर पर आकर भी तगादा करते थे. पत्नी और बच्चों के सामने उसकी बेइज्जती होती थी. इस पर अर्जुन ने अपनी पत्नी निशा के साथ मिलकर पूरे परिवार के साथ आत्महत्या करने का प्लान बना लिया. आत्महत्या का फैसला लेने के बाद अर्जुन 11 फरवरी को भांग की चार गोली और शराब का पव्वा खरीद लाया. उसने पहले बच्ची को सुला दिया फिर पत्नी के साथ मिलकर भांग खाई. उसके बाद शराब पी. शराब पीते ही पत्नी बेहोश हो गई. इसके बाद अर्जुन ने पहले पत्नी का गला घोंटा.
इसके बाद जिस मासूम बेटी को जान से ज्य़ादा चाहता था उसकी भी जान ले ली. अर्जुन ने पुलिस को बताया कि जब बेटी का गला घोंट रहा था तो आंसू निकल रहे थे, लेकिन सोच रहा था कि अगर बेटी बच जाएगी तो न जाने उसे किस तरह की जिंदगी गुजारनी पड़े. इसलिए कड़ा दिल करके उसका गला घोट दिया. इसके बाद चाकू से खुद की नसें काट लीं. बकौल अर्जुन, 'मेरी बेरहम जिंदगी में मौत भी साथ देने को तैयार नहीं थी इसलिए खू खून बह गया था, लेकिन मेरी मौत से पहले पुलिस पहुंच गई.'
पुलिस ने अर्जुन को अस्पताल पहुंचाया जहां 2 दिन के इलाज के बाद उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया. पुलिस ने अब अर्जुन के बयान के आधार पर उसके खिलाफ बेटी और पत्नी की हत्या की एफआईआर दर्ज करके उसको गिरफ्तार कर लिया है और जेल भेज दिया है. जेल जाते समय अर्जुन ने एक दर्द और साझा किया जिस लोन की किस्तों की वजह से मैंने अपनी पत्नी और बेटी की दुनिया उजाड़ दी खुद भी मौत को गले लगाने की कोशिश की मुझे जेल जाने के बाद उनका ब्याज अभी भी चुकाना ही पड़ेगा.