राजस्थान। राजस्थान के दौसा सांसद जसकौर मीणा के आरक्षण से जुड़े बयान के बाद विवाद पैदा हो गया है. पिछले दिनों दौसा सांसद जसकौर मीणा (Jaskaur Meena) ने कहा था कि जो सक्षम हैं वह आरक्षण छोड़ दें. इसके बाद आरक्षण को लेकर बवाल शुरू हो गया है. वहीं मंगलवार को दौसा सांसद ने पत्रकार वार्ता कर अपने बयान को लेकर सफाई पेश की है.
इस दौरान उन्होंने पहले तो बीजेपी की केंद्र सरकार की उपलब्धियां गिनाई और उसके बाद सांसद ने कहा है कि उनके बयान को पूरी तरह गलत रूप से लिया गया है. उन्होंने कहा जो लोग सक्षम हैं, वह आरक्षण छोड़ें. जिस तरह सक्षम लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कहने पर रसोई गैस की सब्सिडी छोड़ी थी. उन्होंने उसी तरह आह्वान किया है. उन्होंने साफ किया कि वो आरक्षण के खिलाफ नहीं हैं लेकिन उनकी बात को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है.
सांसद जसकौर मीणा ने कहा है कि जो लोग सक्षम थे. उनके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आह्वान किया कि सक्षम लोग अगर सब्सिडी छोड़ते हैं तो गरीबों को निशुल्क गैस कनेक्शन देने में सरकार को ज्यादा आसानी होगी और बहुत से लोगों ने पीएम मोदी की बात मानी और गैस की सब्सिडी छोड़ी, परिणाम यह हुआ कि गरीब परिवारों के घर में भी गैस का कनेक्शन दिया गया और अब वह लोग जिंदगी को आसान कर पाए हैं.
इधर आरक्षण वाले बयान के बाद राजस्थान सरकार के कृषि विपणन राज्य मंत्री मुरारी लाल मीणा ने भी एक बार फिर जसकौर मीणा पर जुबानी जंग तेज कर दिए. उन्होंने भी कहा है कि अगर जसकौर मीणा एसटी के लोगों से आरक्षण छोड़ने की बात कर रही हैं तो सबसे पहले खुद सामान्य सीट से चुनाव लड़ कर और जीत कर बताएं तब मानेंगे.
इससे पूर्व भाजपा से राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने भी दोसा भाजपा सांसद जसकौर मीणा को स्वयं आरक्षण छोड़ने की सलाह दी थी. राजस्थान में एक बार फिर यह आरक्षण का जिन्न बोतल से बाहर आ गया है और अब क्या बीजेपी, क्या कांग्रेस अब तो नेता अपने ही नेताओं पर आरक्षण को लेकर जुबानी जंग करने में जुट गए हैं.