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सांसद को रामायण और राम में विश्वास नहीं, सार्वजनिक कार्यक्रम में दिया विवादित बयान

Nilmani Pal
6 March 2024 2:22 AM GMT
सांसद को रामायण और राम में विश्वास नहीं, सार्वजनिक कार्यक्रम में दिया विवादित बयान
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भाजपा ने किया पलटवार

तमिलनाडु। डीएमके सांसद ए राजा ने मंगलवार को एक बार फिर विवादित बयान दे दिया है. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु "भाजपा की जय श्री राम और भारत माता की विचारधारा को कभी नहीं अपनाएगा.' डीएमके सांसद के इस बयान के बाद भाजपा भी तुरंत हमलावर हो गई और तमिलनाडु में सत्तारूढ़ पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा, "द्रमुक के गुट से नफरत भरे भाषण लगातार जारी हैं".

बता दें कि, मदुरै में एक सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ''तमिलनाडु उनके (BJP) स्पष्टीकरण के आधार पर राम या भारत माता को स्वीकार नहीं करेगा. राम का शत्रु कौन है? मेरे तमिल शिक्षक ने कहा कि राम सीता के साथ वन में चले गये. उन्होंने एक शिकारी को स्वीकार किया, उन्होंने सुग्रीव और विभीषन को भी भाई के रूप में स्वीकार किया. वहां कोई जाति या पंथ नहीं था. मैं रामायण या राम में विश्वास नहीं करता, लेकिन मैं कंबरमायनम (TAMIL DIALECT RAMAYANA) से उद्धृत कर रहा हूं.”

डीएमके नेता ने यह भी कहा कि 'भारत एक देश नहीं बल्कि एक उपमहाद्वीप है. एक देश का मतलब एक भाषा, एक परंपरा और एक संस्कृति है. भारत एक देश नहीं बल्कि एक उपमहाद्वीप है. अगर कोई समुदाय गोमांस खाता है, तो इसे स्वीकार करें. अगर कोई मणिपुर में कुत्ते का मांस खाता है, तो यह उनकी संस्कृति में है. आपकी समस्या क्या है? क्या उन्होंने आपसे खाने के लिए कहा?" द्रमुक सांसद ने आगे दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि (लोकसभा) चुनाव के बाद तमिलनाडु में कोई द्रमुक नहीं होगी. उन्होंने आगे कहा, "अगर चुनाव के बाद डीएमके नहीं रहेगी तो भारत भी नहीं रहेगा." ए राजा के बयान पर कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि, डीएमके के नेता ए राजा का बयान स्वीकार नहीं किया जा सकता, संविधान की शपथ लेते हैं और भारत माता की जय नहीं कहते हैं, यह स्वीकार्य नहीं है. ऐसे लोग भारत के संविधान के प्रति भी प्रतिबद्ध नहीं हो सकते. भारत माता, राजा रामचंद्र और सनातन राजनीतिक बयान बाजियों और उद्देश्यों से ऊपर है.

'जय श्री राम' और भारत के विचार पर डीएमके नेता ए राजा की टिप्पणी पर जगद्गुरु रामानुजाचार्य ने भी टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि "एक राजा को यह भी सोचना चाहिए कि पूरी दुनिया 'राम मय' है. यदि आप राम में विश्वास नहीं करते हैं देश में आपको कौन मानता है? विवादास्पद बयान देने की होड़ सी लग गई है. दक्षिण भारत में रावण की परंपरा है. रावण अपने सामने भगवान राम को देखता था लेकिन कहता था कि मैं नहीं मानता उसमें, लेकिन शास्त्र कहते हैं कि रावण ने भी अंतिम सांस लेते समय "राम" कहा था." तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष के अन्नामलाई ने भी डीएमके नेता के बयान पर निशाना साधा है, उन्होंने कहा कि, 'DMK, वंशवाद द्वारा पोषित पार्टी और INDIA ब्लॉक का सदस्य है. ऐसे गठबंधन सिर्फ दो सूत्रीय एजेंडे पर चलते हैं. एक तो अपने आकाओं को खुश करो जो सनातन धर्म से नफरत करते हैं और हद से ज्यादा लूट करते हैं. 2जी घोटाले के आरोपी डीएमके सांसद ए राजा लगातार सनातन धर्म का अपमान करके वही कर रहे हैं. अब तो वह एक गलत गढ़े गए सिद्धांत के जरिए "जय श्री राम" और "भारत माता की जय" कहने वाले हर भारतीय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए एक कदम और आगे बढ़ गए हैं. डीएमके नेताओं को छी इडियट्स कहना सही होगा जिन्होंने लोगों को चुनावी वादों से गुमराह किया है, लोगों की मेहनत की कमाई से घोटाला किया. उन्होंने DMK को अंतरराष्ट्रीय ड्रग माफिया का अड्डा भी बताया है.'


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