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कचरे के पहाड़ बढ़ाएंगे 'सिल्वर स्क्रीन' की शान, अब लाखों में होंगे फिल्मों की शूटिंग की कीमत

Deepa Sahu
24 Sep 2021 5:13 PM GMT
कचरे के पहाड़ बढ़ाएंगे सिल्वर स्क्रीन की शान, अब लाखों में होंगे फिल्मों की शूटिंग की कीमत
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कचरे के पहाड़ बढ़ाएंगे 'सिल्वर स्क्रीन' की शान

नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली में जिस कचरे के ढेर को देख लोग अक्सर अपनी नाक सिकोड़ लेते हैं, वो कचरे का ढेर अब फिल्म और वेब सीरीज़ के लिये शूटिंग जोन (Film And Web series Shooting Zone) बनने वाला है. दरअसल पूर्वी दिल्ली नगर निगम (East Delhi Municipal Corporation) ने एक नई फ़िल्म पॉलिसी (New Film Policy) तैयार की है, इस नयी फ़िल्म पॉलिसी के हिसाब से पूर्वी दिल्ली स्थिति गाजीपुर लैंडफिल साइट पर और उसके आसपास शूटिंग के लिये रोज़ाना 2 लाख रुपये देने होंगे. जबकि बाक़ी जगहों पर शूटिंग के लिये 75 हजार रुपये प्रति दिन के हिसाब से देने होंगे.

नगर निगम का कहना है कि ग़ाज़ीपुर लैंडफिल साइट के आस-पास शूटिंग के लिये उन्हें काफ़ी आवेदन मिल रहे हैं. इस वजह से ये पॉलिसी तैयार की गयी है. हालांकि अगर कोई समाजिक हित में किसी प्रकार की डाक्यूमेंट्री या पूर्वी दिल्ली नगर निगम को प्रमोट करने के लिये शूटिंग करना चाहता है तो उसके लिये किराया माफ़ भी किया जा सकता है. लैंडफिल साइट पर किराया इतना ज़्यादा रखने के पीछे की वजहों के बारे में जब पूर्वी दिल्ली नगर निगम के मेयर से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस जगह पर कई सुरक्षा इंतज़ाम करने होते हैं और इसमें कई एजेंसियों को भी लगाया जाता है. शूटिंग के दौरान कोई परेशानी ना हो इस बात की तैयारी पहले से ही की जायेगी. यही वजह है कि किराया 2 लाख प्रतिदिन रखा गया है.
शूटिंग से जुड़े आवेदन के लिए सिंगल विंडो
नई फ़िल्म पॉलिसी के तहत शूटिंग से जुड़े आवेदनों के लिये एक ऑनलाइन सिंगल विंडो तैयार किया जा रहा है, इसके लिये दिल्ली टूरिज़्म और ट्रांसपोर्ट डेवलपमेंट कार्पोरेशन को नोडल एजेंसी बनाया गया है. सभी ज़रूरी दस्तावेज़ों के साथ सिक्योरिटी और परमिशन फ़ीस जमा करने के बाद 7 दिन के भीतर नगर निगम शूटिंग की इजाज़त भी दे देगा.
पर्यावरण मंत्री ने कहा- पहले कूड़े के ढेर को कम करने के बारे में सोचें

हालांकि दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय से जब इस पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पहले हमें इस बात पर ध्यान देना चाहिये कि लगातार बढ़ रहे कूड़े के ढेर को कैसे कम किया जाए, क्योंकि इसकी वजह से प्रदूषण की समस्या भी बढ़ रही है. हालांकि नगर निगम का कहना है कि इस नयी पॉलिसी से निगम का रेवेन्यू बढ़ेगा, जिसका इस्तेमाल निगम कर्मचारियों की सेलरी और दूसरे डेवलपमेंट काम में खर्च किया जायेगा.


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