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एक महिला ने सबसे पहले अपना वेश बदला और फिर एक फेक आईडी कार्ड भी बनवा लिया. फिर हाथों में पिस्तौल लेकर वह एक ऐसे मिशन पर चल पड़ी जो शायद ही कहीं और देखने को मिले. महिला का मिशन था- अपनी बेटी के कातिलों को खुद से पकड़ना. एक बार मिशन शुरू करने के बाद महिला तब तक नहीं रुकी, जब तक कि उन्होंने बेटी के सभी 10 हत्यारों को पकड़ने में सफलता न हासिल कर ली. आइए जानते हैं कहां की है यह घटना और कैसे महिला ने पूरा किया अपना मिशन...
संगठित आपराधिक गिरोहों के लिए मैक्सिको दुनियाभर में कुख्यात है. सरकार और पुलिस भी यहां के अपराधियों से त्रस्त रहती है. ऐसे ही एक गिरोह ने मिरियम रोडरीगुज नाम की महिला की 20 साल की बेटी करेन को किडनैप कर लिया और फिर हत्या भी कर दी. 2012 में किडनैप किए जाने के दो साल बाद करेन की बॉडी मिली थी. पुलिस जब अपराधियों को पकड़ने में नाकाम रही तो मिरियम ने खुद ही हर कातिल को पकड़ने की मुहिम शुरू कर दी. हाल ही में न्यूयॉर्क टाइम्स ने मिरियम की विस्तृत कहानी प्रकाशित की है.
मिरियम कातिलों की पहले जासूसी करती थीं, ऑनलाइन जानकारी जुटाती थीं, अपराधियों के करीबियों से मिलती थीं और पुख्ता जानकारी मिलने के बाद वह अगला कदम बढ़ातीं. मिरियम का मिशन आखिरकार सफल रहा और बेटी के ज्यादातर जीवित कातिल जेल में पहुंच गए. मिरियम एक्टिविस्ट के रूप में उन पैरेंट्स की मदद भी करने लगीं जिनके बच्चे उनकी बेटी की तरह ही गायब हो गए थे.
मिरियम ने कातिलों तक पहुंचने के लिए अपने बाल भी कटवा लिए थे और फिर कभी चुनाव अधिकारी बनकर तो कभी स्वास्थ्यकर्मी के रूप में अपराधियों के बारे में जानकारियां जुटाती थीं. बेटी के कातिलों को पकड़ने के बाद मिरियम उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया करती थीं. सभी कातिलों तक पहुंचने में मिरियम को करीब 3 साल लग गए. बेटी का शव मिलने के बाद उन्होंने यह मिशन 2014 में शुरू किया था. बेटी के आखिरी कातिल को पकड़ने के कुछ ही हफ्ते बाद मदर्स डे के दिन, 2017 में मिरियम को उनके घर के सामने गोली मार दी गई जिससे उनकी मौत हो गई. घटना के वक्त पति घर में टीवी देख रहे थे. जब वे शव के पास पहुंचे तो उन्होंने देखा कि मिरियम का एक हाथ उनके पर्स में है, पिस्तौल के बिल्कुल पास.