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भारत मां को मां ने सौंपा अपना लाल: IIT छोड़कर फौजी बना फौजी का बेटा, जानें कौन है हिमांशु राज?
jantaserishta.com
17 Dec 2021 3:19 AM GMT
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यहां रहने वाला युवक हिमांशु राज भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गया है.
खगड़िया: बिहार के खगड़िया जिले के बेलदौर प्रखंड क्षेत्र का नारदपुर गांव चर्चा में है. यहां रहने वाला युवक हिमांशु राज भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गया है. हिमांशु ने IIT एडवांस में सफलता हासिल करने के बाद NDA ज्वाइन किया था. इसके बाद वो इंडियन मिलिट्री एकेडमी देहरादून से इसी साल 11 दिसंबर को पास आउट हुए. हिमांशु की इस सफलता से खगड़िया में सभी लोग गर्व महसूस कर रहे हैं. उनके पैतृक गांव में मिठाइयां बांटी गई. घर पहुंचने पर हिमांशु ने मंदिर में पूजा अर्चना की और बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद लिया. अपनी सफलता का श्रेय हिमांशु अपने माता-पिता को देते हैं.
हिमांशु की कामयाबी से परिवार समेत गांव में उत्साह का माहौल है. लेफ्टिनेंट बनने के बाद पहली बार जब वो अपने गांव आए तो लोगों ने हिमांशु का जोरदार स्वागत किया. मां ने बेटे को तिलक लगाकर स्वागत किया. बेलदौर प्रखंड शैक्षणिक रूप से काफी पिछड़ा है. हिमांशु के पिता भारतीय सेना से सूबेदार मेजर (ऑनररी कैप्टन) की पद से 2020 में रिटायर्ड हो चुके हैं.और मां ममता कुमारी गांव में ही सरकारी विद्यालय की प्रधानाध्यापिका हैं. हिमांशु ने एनडीए के उसी चार्ली स्क्वाड्रन में ट्रेनिंग ली. जिसमें कभी शहीद CDS जनरल विपिन रावत ट्रेनिंग ली थी.
हिमांशु ने बताया कि उन्होंने इंजीनियर बनने के लिए आईईटी पास की. लेकिन IIT में सही रैंक और कॉलेज नहीं मिलने की वजह से उन्होंने इंजीनियर बनने का इरादा बदल दिया और डिफेंस में जाने का मन बनाया. वो अब अपने फौजी पिता की तरह देश की सेवा करना चाहते हैं. इसमें उनके पिता का मार्गदर्शन मिलता रहा. हिमांशु एक बहन और दो भाई में सबसे छोटे हैं. उनके बड़े भाई शुभम राज बेंगलुरू में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं.
वहीं बेटे की सफलता से माता-पिता बेहद खुश हैं, मां का कहना है कि हिमांशु बचपन से ही मजबूत इरादे वाला और मेहनती लड़का था और पढ़ाई में काफी होशियार था जिसके चलते उसे सफलता मिली. पिता सूचित कुमार ने बताया कि जब वे सेना में थे तो एक ही सपना था कि उनका बेटा भी देश की सेवा करे। उन्होंने कहा कि ईश्वर ने उनके सपने को साकार किया है. इससे वो बेहद खुश महसूस कर रहे हैं.
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