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लखनऊ की पहली टेस्ट ट्यूब बेबी बनीं मां, बेटी को दिया जन्म, परिवार में खुशी

jantaserishta.com
10 April 2022 2:38 PM GMT
लखनऊ की पहली टेस्ट ट्यूब बेबी बनीं मां, बेटी को दिया जन्म, परिवार में खुशी
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बड़ी खबर

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक अच्छी खबर आई है. लखनऊ की पहली टेस्ट ट्यूब बेबी के यहां किलकारी गूंजी है. उसने एक स्वस्थ शिशु को जन्म दिया. इस बारे में प्राइवेट अस्पताल की डॉक्टर गीता खन्ना ने जानकारी दी. बता दें कि साल 1998 में जन्मी लखनऊ की पहली टेस्ट ट्यूब बेटी का नाम प्रार्थना है.

डॉक्टर गीता खन्ना के मुताबिक 1998 में इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) संतान का जन्म हुआ था जिसका नाम प्रार्थना रखा गया. तब उसे लखनऊ की पहली आईवीएफ संतान के रूप में पहचान मिली. अब प्रार्थना ने एक बेबी गर्ल को जन्म दिया है.
प्रार्थना की शादी दो साल पहले हुई थी. इसके बाद रविवार को उसने आईवीएफ बेटी ने एक बच्चे को जन्म दिया जोकि बिल्कुल स्वस्थ्य है. प्रार्थना का कहना है कि मां बनना सुखद पल है. यह साबित हुआ है कि आईवीएफ एक सामान्य प्रक्रिया है. लोगों में इसको लेकर भ्रांतियां हैं, जबकि मेरा उदाहरण ही अलग है.
आईवीएफ (IVF) का पूरा नाम इन विट्रो फर्टिलाइजेशन है, जिसे टेस्ट ट्यूब बेबी भी कहा जाता है. आईवीएफ में महिला की अंडेदानी से अंडे निकालकर उनका पुरुष के स्पर्म के साथ फैलोपियन ट्यूब में फर्टिलाइजेशन कराया जाता है. इस फर्टिलाइजेशन से बनने वाले भ्रूण यानी एम्ब्रायो को महिला के गर्भाशय में डाल दिया जाता है. जो महिलाएं नेचुरल तौर पर बच्चा कंसीव नहीं कर सकतीं, वे मां बनने के लिए आईवीएफ का सहारा लेती हैं.
आईवीएफ में कपल अपना स्पर्म-एग का भी इस्तेमाल कर सकते हैं और जरूरत पड़ने पर डोनर का भी. ICMR की वार्षिक फर्टिलिटी रिपोर्ट के मुताबिक, इंडिया में आईवीएफ का सक्सेस रेट 30 से 35 प्रतिशत है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में 3 अक्टूबर 1978 को भारत का पहला टेस्ट ट्यूब बेबी पैदा हुआ था, जिसे दुनिया का दूसरा टेस्ट ट्यूब बेबी भी माना गया था. उसका नाम कानुप्रिया अग्रवाल (दुर्गा) है. भारत में इस तकनीक को डॉक्टर सुभाष मुखर्जी लेकर आए थे.
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