80 से ज्यादा ट्रेनें रद्द, अंतिम संस्कार में गए कर्मचारी, जनता परेशान
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मुंबई: सेंट्रल रेलवे मुंबई डिवीजन में शनिवार को ड्यूटी पर मोटरमैन के ना होने से 100 से अधिक लोकल ट्रेनें रद्द कर दी गईं। भायखला और सैंडहर्स्ट रोड स्टेशन के बीच सेंट्रल और हार्बर लाइन पर उपनगरीय ट्रेन सर्विस में देरी हुई। दरअसल, कई कर्मचारी (मोटरमैन) अपने सहकर्मी के अंतिम संस्कार में शामिल होने गए …
मुंबई: सेंट्रल रेलवे मुंबई डिवीजन में शनिवार को ड्यूटी पर मोटरमैन के ना होने से 100 से अधिक लोकल ट्रेनें रद्द कर दी गईं। भायखला और सैंडहर्स्ट रोड स्टेशन के बीच सेंट्रल और हार्बर लाइन पर उपनगरीय ट्रेन सर्विस में देरी हुई। दरअसल, कई कर्मचारी (मोटरमैन) अपने सहकर्मी के अंतिम संस्कार में शामिल होने गए थे। रेलवे के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। इस घटना से सवाल उठ रहे हैं कि कहीं यह सुनियोजित विरोध प्रदर्शन तो नहीं था क्योंकि पहले भी मोटरमैन काम के अत्यधिक दबाव का मुद्दा उठा चुके हैं।
शाम के वक्त रेल सेवाओं में देरी के कारण बड़ी संख्या में यात्री सीएसएमटी और अन्य स्टेशन पर फंसे रहे। अधिकारी ने कहा, 'ट्रेन सर्विस में देरी हुई क्योंकि कई मोटरमैन अपने सहयोगी मुरलीधर शर्मा के अंतिम संस्कार में शामिल होने कल्याण गए थे। शर्मा की शुक्रवार को भायखला और सैंडहर्स्ट रोड स्टेशन के बीच पटरी पार करते समय मौत हो गई थी।' उन्होंने बताया कि शर्मा का अंतिम संस्कार दोपहर को होना था लेकिन यह शाम 5 बजे हो सका। अधिकारी ने बताया कि 88 लोकल ट्रेन सेवाओं सहित लगभग 147 ट्रेन रद्द कर दी गईं।
सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ (CRMS) कर्मचारी संघ के अनुसार, मृतक मोटरमैन शर्मा को लेकर बीते दिनों जांच चल रही थी, क्योंकि उसने ड्यूटी के दौरान लाल सिग्नल जंप किया था। सीआरएमएस के महासचिव प्रवीण वाजपेयी ने प्रशासनिक कार्रवाइयों पर चिंता जताई। उन्होंने कर्मचारियों के मनोबल पर सिग्नल पासिंग एट डेंजर (SPAD) की दुर्घटनाओं के खतरनाक प्रभाव का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, 'गलती होने पर दंड देने से पहले कारणों पर विचार करना चाहिए। इस तरह के प्रावधान होने के बावजूद उनका पालन नहीं हो रहा है। नौकरी से निकाले जाने का डर से कर्मचारी अवसाद में चले जाते हैं। एसपीएडी जांच मानवीय दृष्टिकोण से होनी चाहिए क्योंकि यह गलती है, कोई आपराधिक कृत्य नहीं।'
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