जबलपुर। भारतीय रेलवे में हरित पहल में अग्रणी भूमिका निभाते हुए पर्यावरण सरंक्षण के लिए और इंफ्रास्ट्रक्चर में विस्तार कर रेल परिचालन में सुगमता, विश्वसनीयता और गतिशीलता में बढ़ोत्तरी की जा रही है। जिससे मध्य प्रदेश पर्यावरण अनुकूल और ऊर्जा सरंक्षित बनता जा रहा है। पेट्रोलियम आधारित ऊर्जा पर राष्ट्र की निर्भरता को कम करने और देश की ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाने के लिए परिवहन पर्यावरण अनुकूल, तेज एवं ऊर्जा मिशन मोड प्रदान करने की दृष्टि से रेलवे में विद्युतीकरण पर बहुत जोर दिया जा रहा है। भारतीय रेल पर विद्युतीकरण में मध्य प्रदेश राज्य विशेष महत्व रखता है। रेलवे अपने कार्यों में गति प्रदान करते हुए विकास की और अग्रसर हो रहा है। भारतीय रेलवे का लगभग 4800 किमी से अधिक का मार्ग मध्य प्रदेश के क्षेत्र के अंतर्गत आता है। अब तक 4500 किमी से अधिक मार्ग का विद्युतीकृत कार्य पूरा कर लिया गया है। मध्यप्रदेश में वर्ष 2014 से 2022 तक लगभग 2200 किमी से अधिक मार्ग विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया गया है। मध्य प्रदेश में 4500 किमी से अधिक विद्युतीकृत मार्ग इस प्रकार है।
जबलपुर मण्डल, भोपाल मण्डल एवं कोटा मण्डल (पश्चिम मध्य रेल) में लगभग 2200 किमी का 100 प्रतिशत विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया है।
नागपुर एवं भुसावल मण्डल (मध्य रेल) में लगभग 400 किमी का 100 प्रतिशत विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया है।
रतलाम मण्डल (पश्चिम रेल) में लगभग 775 किमी का 100 प्रतिशत विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया है।
धनबाद मण्डल (पूर्व मध्य रेल) में लगभग 25 किमी का 100 प्रतिशत विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया है।
बिलासपुर एवं नागपुर (दक्षिण पूर्व मध्य रेल) में लगभग 700 किमी का विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया है।
झांसी मण्डल (उत्तर मध्य रेल) में लगभग 400 किमी का विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया है।
विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण होने से रेलवे में कई फायदे हुए हैं :-
ट्रेनों के निर्बाध संचालन में गति में वृद्धि हुई।
ट्रैक की लाइन क्षमता में भी वृद्धि।
पर्यावरण के अनुकूल वातावरण और ऊर्जा में दक्षता बढ़ेगी ।
मध्यप्रदेश में विद्युतीकरण के अंतर्गत रेलवे में निर्माण कार्यों के विकास के लिए 06 क्षेत्रीय रेलवे जिसमें पश्चिम मध्य रेल, पश्चिम रेलवे, मध्य रेल, उत्तर मध्य रेल, दक्षिण पूर्व मध्य रेल एवं पूर्व मध्य रेल का विशेष योगदान रहा है। इन सभी रेलवे ने अपनी विद्युतीकरण कार्य को गतिप्रदान करते हुए नई ऊंचाइयों को छुआ है। जिसमें पश्चिम मध्य रेलवे ने मध्यप्रदेश के उत्तरोतर विकास में रेलवे के नये आयामों को बढ़ाया है।