भारत
ठगी के शिकार हुए 2 लाख से ज्यादा लोग, विदेशियों को बनाया निशाना, अब पुलिस ने मंसूबे पर पानी फेरा
jantaserishta.com
20 March 2024 8:31 AM GMT
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सांकेतिक तस्वीर
सरगना दबोचा गया.
रांची: अपराध अनुसंधान विभाग द्वारा हरमू रोड के किशोरगंज से पकड़े गए साइबर अपराधी स्वयं को आस्ट्रेलियन टेलीक्मयूनिकेशन कंपनी और ब्रिटिश टेलीकॉम के अधिकारी बनकर विदेशी नागरिकों से ठगी करते थे।
ठग इंटरनेट स्पीड को निर्धारित करने और अद्यतन करने के नाम पर विदेशी नागरिकों को कॉल करते थे एवं अवैध गतिविधि पाए जाने का झांसा देकर नागरिकों को प्रताड़ना ई-मेल भेजते थे और विदेशी खाता से पैसे विभिन्न विदेशी वॉलेट पर हस्तांतरित कर देते थे। इसके लिए इन लोगों ने यूके और आस्ट्रेलिया के तीन लाख से अधिक नागरिकों का व्यक्तिगत डेटा का उपयोग किया था। इसमें उनके फोन नंबर, नाम, पता, शहर, देश का पोस्ट कोड और एज ब्रेकेट शामिल है। सीआइडी की ओर से मंगलवार को सिटी कंट्रोल रूम परिसर में पत्रकारों को यह जानकारी दी गई। बताया गया कि टीम ने ठगी के मामले में दो मुख्य संचालक चुटिया के द्वारिकापुरी के रविकांत एवं गोड्डा जिला के चित्तरकोठी के मो एकरामुल अंसारी को गिरफ्तार किया है। इनके द्वारा संचालित कॉल सेंटर से पांच लैपटॉप, 27 कम्पयूटर, चार पेन ड्राइव, सात मोबाइल, कर्मचारियों की उपस्थिति पंजी, नियुक्ति पत्र और पांच क्रेडिट कार्ड बरामद किया था।
बताया गया कि यह गिरोह पूर्व में रांची में ही कॉल सेंटर चलाता था। इसके बाद कॉल सेंटर को गोरखपुर से संचालित किया जा रहा था। वहां पर गिरफ्तारी के बाद जमानत पर बाहर निकले साइबर ठग कादिर अंसरी, मो एकरामुल अंसारी ने फिर से रांची में गौरव गुप्ता, विकास सलोनी, वसीम एवं रविकांत के साथ मिलकर पिछले एक साल से विदेशी नागरिकों से धोखाधड़ी कर रहे थे। इधर सीआइडी की टीम ने छापामारी के बाद वहां काम करने वाले कर्मचारियों का सत्यापन किया एवं उनके बयान लिए गए। सीआइडी की ओर से आमजन से आग्रह किया गया है कि साइबर अपराध का शिकार होने पर हेल्पलाइन नंबर 1930 एवं ऑनलाइन www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
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