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केंद्रीय सरकार की टेलीमेडिसिन सुविधा ई-संजीवनी से 1.3 करोड़ से अधिक परामर्श सेवाएं दी गई, जिससे लोगो को मिलेगा फायदा
Ritisha Jaiswal
4 Oct 2021 6:24 PM GMT
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि सरकार की टेलीमेडिसिन सुविधा ई-संजीवनी (e-Sanjeevani) के जरिए 1.3 करोड़ से अधिक परामर्श सेवाएं दी गई हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क :- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि सरकार की टेलीमेडिसिन सुविधा ई-संजीवनी (e-Sanjeevani) के जरिए 1.3 करोड़ से अधिक परामर्श सेवाएं दी गई हैं. आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु ने इन सेवाओं का अधिकतम उपयोग किया है. मंत्रालय ने कहा कि आज लगभग 90,000 मरीज रोजाना ई-संजीवनी मंच का इस्तेमाल करते हैं. ई-संजीवनी के दो संस्करण हैं जो पूरे भारत में दूरस्थ चिकित्सा परामर्श प्रदान कर रहे हैं. इनमें डॉक्टर से डॉक्टर (ई-संजीवनीएबी-एचडब्ल्यूसी) और मरीज से डॉक्टर (ई-संजीवनी ओपीडी) शामिल हैं.
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की तरफ से नवंबर 2019 में पेश की गई ई-संजीवनीएबी-एचडब्ल्यूसी को भारत सरकार की आयुष्मान भारत योजना के तहत दिसंबर 2022 तक 'हब एंड स्पोक' मॉडल में 1,55,000 स्वास्थ्य और देखभाल केंद्रों पर लागू करने की योजना है. ई-संजीवनीएबी-एचडब्ल्यूसी वर्तमान में 27,000 से अधिक स्वास्थ्य और देखभाल केंद्रों पर संचालित है.
इस विशाल टेलीमेडिसिन पहल का दूसरा संस्करण ई-संजीवनी ओपीडी को 13 अप्रैल, 2020 को पहले लॉकडाउन के दौरान शुरू किया गया था, जब देशभर में ओपीडी बंद थी. ये पहल रोगियों को उनके घरों की चारदीवारी में बाह्य रोगी सेवाओं तक पहुंच प्रदान करती है. मंत्रालय ने कहा कि ई-संजीवनी को अपनाने के मामलों में अग्रणी 10 राज्यों में आंध्र प्रदेश (42,23,054 परामर्श), कर्नाटक (24,15,774), तमिलनाडु (15,99,283), उत्तर प्रदेश (13,71,799), गुजरात (4,85,735), मध्य प्रदेश (4,47,878), बिहार (4,36,383), महाराष्ट्र (4,03,376), पश्चिम बंगाल (3,69,441), उत्तराखंड (2,71,513) शामिल हैं.
क्या है ई-संजीवनी ओपीडी?
ई-संजीवनी ओपीडी भारत सरकार का प्रमुख टेलीमेडिसिन प्लेटफॉर्म है, जिसे भारत सरकार के तत्वावधान में विकसित किया गया है और ये बहुत अच्छी तरह से काम कर रहा है. ये प्लेटफॉर्म किसी भी भारतीय नागरिक को मुफ्त परामर्श प्रदान करता है. हालांकि कोविड मामलों में बढ़ोतरी के साथ डॉक्टरों की मांग बढ़ रही है, मगर डॉक्टरों के कोविड वॉर्ड की ड्यूटी में लगे होने के कारण कमी हो गई है, ऐसी स्थिति में सेना के पूर्व डॉक्टर मदद करने के लिए आगे आए हैं.
कैसे लोग उठा रहे हैं फायदा?
इस सेवा को आयुष्मान भारत स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों के तहत शुरू किया गया है. ई-संजीवनी से टेलीमेडिसिन कंसल्टेंसी का लाभ आम लोग उठा सकते हैं. एक कंसल्टेंसी डॉक्टर की दूसरे डॉक्टर के साथ. इसके लिए आपको संजीवनी ऐप को अपने मोबाइल पर इंस्टाल करना होगा. इस ऐप को CDAC ने डिजाइन किया है. ऐप में तीन ऑप्शन दिखते हैं. पहला पहला मरीज का रजिस्ट्रेशन व टोकन दूसरा मरीज का लॉग इन और तीसरा प्रिस्क्रिप्शन. इस तरह आप डॉक्टर से जुड़कर टेली परामर्श ले सकते हैं.
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