भारत में एक धर्म को दी जा रही ज्यादा मान्यता : उमर अब्दुल्ला
महाराष्ट्र। महाराष्ट्र में शुरू हुआ लाउडस्पीकर विवाद अब जम्मू-कश्मीर तक पहुंच गया है. इस मसले पर J&K के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस (Jammu & Kashmir National Conference) के नेता उमर अब्दुल्ला का बयान आया है. उन्होंने बुधवार को कहा कि मस्जिदों में लाउडस्पीकर की अनुमति क्यों नहीं दी जा सकती? जबकि दूसरी जगहों पर लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किया जा रहा है.
लाउडस्पीकर पर बोलने के बाद उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हमें बताया जा रहा है कि हलाल मीट नहीं बेचा जाना चाहिए. आखिर क्यों? हम यह नहीं कह रहे हैं कि मंदिरों, गुरुद्वारों में माइक नहीं लगाने चाहिए. हम जो कुछ भी करते हैं, वह आपको पसंद नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर में सेहरी और इफ्तार के समय बिजली कटौती कर जानबूझकर लोगों को परेशान किया जा रहा है. क्या हमारी भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है? यदि आपका इरादा हमारी भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने का नहीं है, तो सेहरी और इफ्तार के समय बिजली दी जाए और दिन के दूसरे घंटों में कटौती की जाए.
उमर अब्दुल्ला ने आगे कहा कि जम्मू और कश्मीर भारत के साथ विलय के लिए इसलिए सहमत हुए, क्योंकि हमें बताया गया कि यहां सभी धर्मों को समान नजर से देखा जाएगा. उस वक्त अगर कहा जाता कि यहां एक धर्म को दूसरे धर्म से ज्यादा अहमियत दी जाएगी तो शायद हमारा फैसला कुछ और होता.
पिछले दिनों राज ठाकरे ने अपनी पार्टी मनसे के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए महाराष्ट्र की मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की मांग की थी. राज ठाकरे ने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि अगर पुलिस और प्रशासन जल्द ही मस्जिदों से लाउडस्पीकर नहीं हटाता है तो मस्जिदों के सामने तेज आवाज में हनुमान चालीसा बजाएंगे. राज ठाकरे ने चेतावनी देने के बाद यह भी कहा था, 'मैं प्रार्थना या किसी विशेष धर्म के खिलाफ नहीं हूं. हर धर्म को प्रार्थना करने का अधिकार है, लेकिन मुझे अपने धर्म पर गर्व है. इसलिए इस बात का ख्याल जरूर रखना चाहिए कि आपकी किसी चीज से दूसरों को परेशानी न हो.'
राज ठाकरे के इस बयान के बाद मनसे कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा बजाई. इससे पहले कुर्ला और घाटकोपर में भी मनसे कार्यकर्ताओ ने लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा बजाने की कोशिश की थी, जिसके बाद पुलिस ने इस पर कार्रवाई करते हुए कार्यकर्ताओं को नोटिस दिया गया था.