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कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए अनिल एंटनी ने दिया बड़ा बयान

jantaserishta.com
10 April 2023 4:42 AM GMT
कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए अनिल एंटनी ने दिया बड़ा बयान
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फाइल फोटो

तिरुवनंतपुरम् (आईएएनएस)| वरिष्ठ कांग्रेस नेता ए.के. एंटनी के पुत्र अनिल एंटनी ने हाल ही में कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया। उन्होंने कहा कि भाजपा एकमात्र पार्टी है जो राष्ट्रहित में काम कर रही है और अधिक से अधिक संख्या में युवा इससे जुड़ेंगे। सटैन्फोर्ड विश्वविद्यालय से एमएस की डिग्री रखने वाले और एमआईटी से आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस में प्रशिक्षित अनिल एंटनी भाजपा में आने से पहले कांग्रेस के आईटी सेल का नेतृत्व कर रहे थे।
आईएएनएस के साथ एक साक्षात्कार में उन्होंने कांग्रेस छोड़ने के कारणों और भविष्य की योजनाओं के बारे में बात की।
आईएएनएस : वरिष्ठ कांग्रेस नेता के पुत्र अनिल एंटनी ने भाजपा का दामन थाम लिया है। आपने यह फैसला क्यों किया?
एंटनी: मेरे पिता कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं। वह 65 साल से पार्टी में हैं। मेरी मां और भाई भी कांग्रेस में हैं। मैं भी कई साल तक कांग्रेस में रहा, लेकिन हाल के दिनों में कांग्रेस में बड़ा बदलाव आया है, अब वह पुरानी पार्टी नहीं रही।
भाजपा एकमात्र राजनीतिक दल है जो लगातार देश के भविष्य निर्माण के लिए काम कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी टीम बड़े स्तर पर देश को आगे बढ़ा रही है। मैं राष्ट्र निर्माण के लिए काम करने के लिए भाजपा में आया हूं, और कोई कारण नहीं है।
आईएएनएस: युवा नेता और ए.के. एंटनी जैसे बड़े नेता के पुत्र होने के नाते क्या भाजपा ने पार्टी या सरकार में कोई पद देने का या कुछ और वादा किया है?
एंटनी: मैंने बिना किसी शर्त के भाजपा में आने का एकतरफा फैसला किया है। मैं एक ऐसा व्यक्ति हूं जो राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाना चाहता हूं। मैंने किसी पद की मांग नहीं की है और न ही पार्टी ने ऐसी कोई पेशकश की है।
आईएएनएस: आप स्टैनफोर्ड और एमआईटी के छात्र रहे हैं। भाजपा से जुड़ने का आपका मकसद क्या है?
एंटनी: जैसा कि मैंने पहले कहा है, भाजपा एक मात्र राजनीतिक पार्टी है जो राष्ट्र निर्माण कर रही है और युवा नेताओं तथा टेक्न ोक्रेट्स को भी समान अवसर प्रदान करती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी टेक्न ोलॉजी के जरिए देश के विकास का काम कर रहे हैं और एक तकनीकी व्यक्ति होने के नाते इसने भी मुझे आकर्षित किया। देश भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की तरफ बढ़ रहा है और प्रौद्योगिकी इस तरह की पहल के लिए बदलाव का प्रमुख कारक है। स्वाभाविक रूप से टेकि्न कल पृष्ठभूमि का व्यक्ति इस तरह के परिवेश में काम करना पसंद करेगा और मैं इसका अपवाद नहीं हूं।
आईएएनएस: भाजपा और आरएसएस की अल्पसंख्यक विरोधी के रूप में आलोचना की जाती है। उनके साथ जाने में आपको कोई समस्या नहीं है?
एंटनी: यह गलत धारणा है। पूर्वोत्तर के राज्यों में जहां अल्पसंख्य क्रिश्चन बड़ी संख्या में हैं भाजपा सहयोगी दल के साथ सत्ता में है। उन राज्यों में जबरदस्त विकास हो रहा है। अल्पसंख्यक क्रिश्चन समुदाय के लोगों ने भाजपा को वोट दिया है।
यदि भाजपा अल्पसंख्य विरोधी होती तो इन राज्यों के लोग उसे वोट क्यों देते। मुझे लगता है कि भाजपा शासित राज्यों में अल्पसंख्यक समुदायों के लोग सुरक्षित हैं। गोवा भी क्रिश्चन बहुल राज्य है और भाजपा लगातार कई साल से वहां सत्ता में है।
आईएएनएस: आपके छोटे भाई अजित एंटनी ने कांग्रेस के साथ एकजुटता जताई है और आपसे कांग्रेस में वापस लोटने की अपील की है। आपकी क्या टिप्पणी है?
एंटनी: अजित और मैं भाई हैं। हम एक-दूसरे को प्यार करते हैं। लेकिन मेरे राजनीतिक फैसले अंतरधारणा पर आधारित है तथा इसमें कोई और कुछ नहीं कर सकता।
आईएएनएस: आपने कहा कि आज की कांग्रेस पुराने समय की कांग्रेस नहीं है। इसका क्या मतलब है?
एंटनी: पुरानी कांग्रेस पार्टी की कई खासियत थी - यहां तक कि पांच साल पहले तक भी। वर्तमान कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से कुछ व्यक्तियों के लिए काम कर रही है। देश यह नहीं चाहता। अच्छा होगा कि यदि कांग्रेस नेता आत्ममंथन करें कि गलती कहां हुई है, क्यों गुलाम नबी आजाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया, जतिन प्रसाद जैसे वरिष्ठ नेता कांग्रेस छोड़ गए।
आईएएनएस: क्या आप कोच्चि में 'युवम लीडरशिप' कांक्लेव में शामिल होंगे जिसमें प्रधानमंत्री बड़ी संख्या में युवाओं को संबोधित करने वाले हैं?
एंटनी: हां, मैं शामिल हूंगा। राज्य भाजपा नेतृत्व ने मुझे आमंत्रित किया है। कांक्लेव में प्रधानमंत्री शिक्षित युवाओं से संवाद करेंगे।
आईएएनएस: क्या अनिल एंटनी भाजपा की ओर से 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ेंगे?
एंटनी: जैसा कि मैंने पहले कहा कि मैं सिर्फ एक राष्ट्रवादी छवि वाले राजनीतिक दल के साथ काम करने के लिए भाजपा से जुड़ा हूं और इससे ज्यादा कुछ नहीं। पार्टी तय करेगी कि मुझे क्या करना चाहिए और क्या नहीं।
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