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मोरबी पुल हादसा: उजड़े कई परिवार, प्रत्यक्षदर्शी ने सुनाई दहशत के लम्हों की दास्तां
jantaserishta.com
31 Oct 2022 4:45 AM GMT
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
दिल्ली: गुजरात के मोरबी शहर में मच्छु नदी पर रविवार शाम एक सदी पुराना पुल गिरने से 141 लोगों की मौत हो गई, जिनमें कई महिलाएं और बच्चे शामिल हैं. अभी तक करीब 180 लोगों को बचाया जा चुका है. हादसे के वक्त पुल पर 400 से ज्यादा लोग मौजूद थे. केबल ब्रिज 100 साल से ज्यादा पुराना बताया जा रहा है. यह ब्रिटिश शासन के दौरान बनाया गया था.
राजा-महाराजाओं के समय का यह पुल ऋषिकेश के राम-झूला और लक्ष्मण झूला पुल की तरह झूलता हुआ-सा नजर आता था, इसलिए इसे झूलता पुल भी कहते थे. इसे गुजराती नव वर्ष पर महज 5 दिन पहले ही रिनोवेशन के बाद चालू किया गया था. एक चश्मदीद ने बताया कि कुछ लोग पुल पर उछलने कूदने लगे थे और उसके बड़े तारों को खींचने लगे थे.
6-6:30 में पुल गिरा, कई लोग पानी में गिरे कई लोगों ने ब्रिज में लगे जाल को पकड़ कर बचने की कोशिश की। कई बच्चों, महिलाओं को मैं खुद अस्पताल लेकर आया, एक महिला थी जो गर्भवति थी उन्हें भी अस्पताल लाया लेकिन उनकी मृत्यु हो गई: मोरबी में केबल ब्रिज गिरने की घटना के चश्मदीद#Morbi pic.twitter.com/34rcjuqX1H
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 31, 2022
चश्मदीद ने कहा कि पुल भारी भीड़ के कारण गिर गया था. उन्होंने बताया कि पुल गिरने पर लोग एक दूसरे के ऊपर गिर पड़े. वहीं, एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, मैं अपने ऑफिस के समय के बाद दोस्तों के साथ नदी के किनारे आया था, जब हमने पुल के टूटने की आवाज़ सुनी तो हम वहां पहुंचे और लोगों को बचाने के लिए पानी में कूद गए.
प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि हमने कुछ बच्चों और महिलाओं को बचाया. अहमदाबाद के रहने वाले विजय गोस्वामी और उनके परिवार की जान बच गई. दरअसल, गोस्वामी अपने परिवार के साथ पुल पर गए थे लेकिन बीच रास्ते से ही लौट आए थे. उनका कहना है कि कुछ युवाओं ने पुल को हिलाना शुरू कर दिया था, इससे हम डर गए थे.
विजय गोस्वामी ने कहा, जब मैं और मेरा परिवार पुल पर थे, तो कुछ युवकों ने जानबूझकर पुल को हिलाना शुरू कर दिया, जिससे लोगों का चलना मुश्किल हो गया. मुझे लगा कि यह खतरनाक साबित हो सकता है, इसलिए मैं अपने परिवार के साथ पुल पर आगे बढ़े बिना लौट आया, मैंने पुल कर्मचारियों को भी सचेत किया था, लेकिन वे उदासीन थे.
यह बेहद दर्दनाक था, वहां बच्चे-महिलाएं भी थी। मैं रातभर घटनास्थल पर मौजूद रही लोगों की मदद की। मैंने अपने परिवार के सदस्यों के तरह ही में लोगों की मदद की। मैंने शवों को अस्पताल ले जाने के लिए अपना वाहन दिया: मोरबी में केबल ब्रिज गिरने की घटना की चश्मदीद#MorbiBridgeCollapse pic.twitter.com/co26xefapG
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 31, 2022
दीपावली की छुट्टी और रविवार होने के कारण इस पुल पर पर्यटकों की भीड़ उमड़ पड़ी थी. 26 अक्टूबर को गुजराती नववर्ष दिवस पर जनता के लिए फिर से खोले जाने से पहले एक निजी कंपनी ने लगभग छह महीने तक पुल की मरम्मत का काम किया था. जीर्णोद्धार का काम पूरा होने के बाद इसे जनता के लिए खोल दिया गया.
गुजरात के गृहमंत्री हर्ष संघवी ने कहा कि रविवार शाम 6.30 बजे झूलता हुआ पुल टूट गया, रविवार को यहां लोग परिवार के साथ घूमने आए थे, तभी ये हादसा हो गया, इसके बाद फायर ब्रिगेड की टीम, एंबुलेंस, प्रशासन, डॉक्टरों की टीम मौके पर पहुंच गई, स्थानीय लोगों ने भी रेस्क्यू में मदद की. इसके बाद घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया.
आर्मी, नेवी, एयरफोर्स, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमों ने रातभर रेस्क्यू काम किया. रेस्क्यू अभियान की मॉनीटरिंग पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम भूपेंद्र पटेल ने की. गृह मंत्री अमित शाह ने भी पूरी रात रेस्क्यू अभियान की जानकारी ली और मदद पहुंचाने का काम किया. हादसे में अभी तक 140 से अधिक लोगों की मौत हुई है.
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