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दिल्ली क्राइम ब्रांच ने दिल्ली समेत देश के बड़े व्यापारियों को ईडी का फर्जी समन भेजकर धन उगाही करने वाले गैंग का खुलासा किया है. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इस मामले में नौ लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें से एक असम राइफल्स का हेड कॉन्सटेबल भी है. ये आरोपी देशभर में सैकड़ों लोगों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम दे चुके हैं.
स्पेशल सीपी क्राइम रविंद्र यादव ने बताया कि इस वसूली गैंग में दिल्ली की एक वकील भी शामिल है. पुलिस अफसरों के मुताबिक, वकील सहित कुछ और लोगों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा. पुलिस ने बताया कि गिरोह के मास्टरमाइंड के कब्जे से 12 मोबाइल फोन और एक कार बरामद की गई है.
क्राइम ब्रांच ने मुंबई, वेस्ट बंगाल, यूपी और दिल्ली में छापेमारी कर अब नौ लोगों को गिरफ्तार किया है. मुंबई के एक बड़े बिजनेसमैन ने शिकायत की थी कि कुछ लोग ED का फर्जी नोटिस भेजकर उससे करोड़ों रुपए की मांग कर रहे हैं. व्यापारी की शिकायत पर क्राइम ब्रांच ने जांच करते हुए इस गैंग का पर्दाफाश किया. पुलिस ने बताया कि यह गैंग स्पेशल 26 से प्रभावित था.
व्यापारी से मांगे 2-3 करोड़ रुपए, उसने दर्ज करा दी शिकायत
इस मामले में पुलिस ने अखिलेश मिश्रा, दर्शन हरीश, विनोद, धर्मेंद्र, नरेश, असरार, विष्णु, देवेंदर और गजेंद्र को गिरफ्तार कर लिया है. दरअसल, निप्पॉन इंडिया पेंट्स लिमिटेड के अध्यक्ष हरदेव सिंह को ईडी के दो फर्जी नोटिस मिले. उनके साथी को अखिलेश मिश्रा नाम के युवक ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया है और जल्द ही वे गहरी मुसीबत में फंस जाएंगे.
शिकायतकर्ता को फिर वही नोटिस स्पीड पोस्ट के माध्यम से मिला. इसके बाद हरदेव सिंह ने आरोपियों से संपर्क किया. आरोपियों ने नोटिस रद करने के लिए शुरू में 2-3 करोड़ रुपए की फिरौती मांग की और दिल्ली के अशोका होटल में मिलने को कहा. इसके बाद हरदेव सिंह ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवा दी.
अशोका होटल में पैसे लेकर बुलाया, वहीं से पकड़े गए आरोपी
आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दिल्ली पुलिस की पहली टीम द अशोका होटल पहुंची. यहां आरोपी अखिलेश मिश्रा और दर्शन हरीश जोशी को लाउंज से पकड़ लिया. पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि उनके तीन सहयोगी उसी होटल के एक कमरे में मौजूद थे.
टीम ने तुरंत छापेमारी करके मौके से विनोद कुमार पटेल, धर्मेंद्र कुमार गिरि और नरेश महतो को गिरफ्तार कर लिया. विनोद कुमार पटेल ने आगे खुलासा किया कि तीन और सहयोगी उनसे दिल्ली के खान मार्केट में क्लासिक चिकन कॉर्नर में मिलेंगे. क्राइम ब्रांच की टीम ने वहां से असरार अली, विष्णु प्रसाद और देवेंद्र कुमार दुबे को गिरफ्तार कर लिया.
उनसे जानकारी जुटाकर पुलिस टीम ने एलआर टैक्सी स्टैंड, निजामुद्दीन भोगल पर छापा मारा और एक और आरोपी गजेंद्र उर्फ गड्डू को गिरफ्तार कर लिया. अवैध धंधे में इस्तेमाल की जा रही एक मारुति सियाज कार बरामद कर ली.
यूपी के बलिया का है गैंग का मास्टरमाइंड, ऐसे बिछाते थे जाल
इस गैंग का सरगना अखिलेश मिश्रा है. वह यूपी के बलिया का रहने वाला है. उसने साल 1963 में 10वीं तक ही पढ़ाई की. बाद में वह मुंबई चला गया और सेल्समैन का काम करने लगा था. इस मामले में आरोपी अखिलेश मिश्रा ने शिकायतकर्ता को कॉल और मैसेज करना शुरू कर दिया. उसे प्रवर्तन निदेशालय में आने वाली समस्याओं के बारे में धमकी दी.
उन्होंने शिकायतकर्ता को मंत्रालयों और प्रवर्तन निदेशालय में अपने संबंधों के माध्यम से उनकी मदद करने का आश्वासन दिया. वह ईडी को समन भेजने के लिए सह आरोपियों धर्मेंद्र कुमार गिरि, नरेश महतो, अरुण सिंह और विनोद पटेल के संपर्क में था.
आरोपी दर्शन हरीश जोशी साल 1980 में मुंबई के मुलुंड में पैदा हुआ था. वह भी 10वीं तक ही पढ़ा है. वह केमिकल का कारोबार करता है और अखिलेश मिश्रा का करीबी है. फर्जी छापेमारी के दौरान वह अपने शिकार से बात करता था और दहशत का माहौल बनाने की कोशिश करता था.
आरोपी विष्णु प्रसाद 54 साल का है और देवरिया यूपी का रहने वाला है. वह लोकसभा के एक पूर्व सांसद के पीए का काम करता था. कोरोना काल में उसकी नौकरी चली गई और बेरोजगार हो गया था.
वहीं, अभियुक्त देवेंद्र कुमार दुबे 2006 में असम राइफल्स में चयनित हुआ था. आरोपी देवेंद्र कुमार दुबे ईडी अधिकारी की भूमिका निभाता था.
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