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मनी लॉन्ड्रिंग मामला: पूर्व गृह मंत्री के बेटे को मिली जमानत

Nilmani Pal
2 Nov 2022 12:47 AM GMT
मनी लॉन्ड्रिंग मामला: पूर्व गृह मंत्री के बेटे को मिली जमानत
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मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री और एनसीपी नेता अनिल देशमुख बेटे सलिल को मनी लॉन्ड्रिंग केस में मुंबई की अदालत से जमानत मिल गई है. सलिल मंगलवार को अपने वकीलों के साथ मुंबई की विशेष पीएमएलए अदालत में पेश हुए. सलिल को अदालत से तीन लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दी गई है. बता दें कि सलिल, अनिल देशमुख के साथ ही आपराधिक मुकदमे का सामना कर रहे हैं. ईडी ने सलिल को उनके सामने पेश होने के लिए कह रहा था, लेकिन गिरफ्तारी के डर से सलिल ने पिछले साल नवंबर में अपने पिता की गिरफ्तारी के बाद गिरफ्तारी के डर से अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी.

ईडी के चार्जशीट दायर करने के बाद अदालत ने फरवरी 2022 में सलिल को समन जारी किया था. अदालत के सामने पेश होने के बाद सलिल ने एक आवेदन दायर कर अदालत से जमानत देने का अनुरोध किया था. आवेदन में कहा गया था कि सलिल देशमुख के खिलाफ लगाए जा रहे आरोप पूरी तरह से गलत हैं.

आवेदन में कहा गया था कि सलिल देशमुख को ईडी ने आज तक इस मामले में कभी गिरफ्तार नहीं किया और उन्होंने जांच में सहयोग किया है. आवेदन में सलिल ने कहा कि अनुसूचित अपराध गृह मंत्री के रूप में उनके पिता की चूक और कमीशन के कथित कृत्यों तक ही सीमित है. बता दें कि हाल ही में 4 अक्टूबर को अनिल देशमुख को बड़ी राहत मिली थी. बॉम्बे हाईकोर्ट ने अनिल देशमुख को जमानत दे दी थी. अनिल देशमुख को ये जमानत ईडी द्वारा दायर मनी लॉन्ड्रिंग केस में मिली थी. बॉम्बे हाईकोर्ट ने उन्हें 1 लाख रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दी थी. हालाकि इसके बाद देशमुख को जेल में ही रहना पड़ा. दरअसल, उन्हें ईडी द्वारा दायर केस में जमानत मिल थी, लेकिन सीबीआई द्वारा दायर केस के चलते उन्हें जेल में रहना पड़ा.

पिछले साल मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री रहते हुए अनिल देशमुख ने एपीआई सचिन वाजे को ऑर्केस्ट्रा बार से हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करने के आदेश दिए थे. इस मामले की जांच CBI कर रही है. बाद में ED ने भी इसकी जांच शुरू की. ED को जांच में मिला कि गृह मंत्री रहते हुए देशमुख ने अपने पद का दुरुपयोग किया और मंबई के ऑर्केस्ट्रा बार से 4.70 करोड़ रुपये की वसूली की. बाद में इस पैसे को उनके बेटे ऋषिकेश देशमुख ने दिल्ली की एक शेल कंपनी को कैश के रूप में ट्रांसफर किए. उसके बाद यही रकम श्री साईं शिक्षण संस्था को डोनेशन के रूप में मिली. इस संस्था को देशमुख परिवार चलाता है.


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