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विजयादशमी पर RSS प्रमुख मोहन भागवत, ड्रग्स से देश को मुक्त कराना होगा, देखें वीडियो

jantaserishta.com
15 Oct 2021 3:46 AM GMT
विजयादशमी पर RSS प्रमुख मोहन भागवत, ड्रग्स से देश को मुक्त कराना होगा, देखें वीडियो
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नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस आज (शुक्रवार) अपना 96वां स्थापना दिवस मना रहा है. हिंदी तिथि के मुताबिक विजयादशमी के दिन ही 1925 में आरएसएस की स्थापना हुई थी.

नवरात्रि की शुरुआत के साथ ही आरएसएस की अलग-अलग शाखाओं पर स्थापना दिवस मनाया जाने लगता है. विजयादशमी के दिन नागपुर में आयोजित किए गए इस कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत उपस्थित रहे. मोहन भागवत ने पहले शस्त्र पूजन किया. इसके बाद मोहन भागवत ने स्वयंसेवकों को संबोधित किया. इस दौरान मुंबई स्थित इजरायली महावाणिज्य दूत कोब्बी शोशानी ने भी कार्यक्रम में शिरकत की. वह बतौर गेस्ट यहां पहुंचे थे.
अपने संबोधन के दौरान मोहन भागवत ने कहा कि यह वर्ष हमारी स्वाधीनता का 75वां वर्ष है. 15अगस्त 1947 को हम स्वाधीन हुए. हमने अपने देश के सूत्र देश को आगे चलाने के लिए स्वयं के हाथों में लिए. स्वाधीनता से स्वतंत्रता की ओर हमारी यात्रा का वह प्रारंभ बिंदु था. हमें यह स्वाधीनता रातों रात नहीं मिली. स्वतंत्र भारत का चित्र कैसा हो इसकी, भारत की परंपरा के अनुसार समान सी कल्पनाएँ मन में लेकर, देश के सभी क्षेत्रों से सभी जातिवर्गों से निकले वीरों ने तपस्या त्याग और बलिदान के हिमालय खड़े किये.
मोहन भागवत ने इस दौरान कहा कि विभाजन की टीस अबतक नहीं गई है. उन्होंने कहा कि हमारी पीढ़ियों को इतिहास के बारे में बताया जाना चाहिए जिससे की आने वाली पीढ़ी भी अपने आगे की पीढ़ी को इस बारे में बताए. उन्होंने कहा कि समाज की आत्मीयता व समता आधारित रचना चाहने वाले सभी को प्रयास करने पड़ेंगे. सामाजिक समरसता के वातावरण को निर्माण करने का कार्य संघ के स्वयंसेवक सामाजिक समरसता गतिविधियों के माध्यम से कर रहे हैं.
बता दें कि यह आयोजन कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए किया जा रहा है. इस बार सिर्फ 200 लोगों ने ही इसमें हिस्सा लिया है. विजयादशमी के दिन 1925 में संघ की स्थापना हुई थी. इस दिन संघ की शाखाओं पर स्वयंसेवक शक्ति के महत्व को याद रखने के लिए प्रतीकात्मक रूप से शस्त्र पूजन करते हैं. कई शाखाएं मिलकर एक साथ बड़े कार्यक्रमों का आयोजन भी करती हैं. विजयादशमी से प्रेरणा लेकर राष्ट्र के लिए कार्य करने के संबंध में संघ के किसी अधिकारी अथवा समाज के किसी गणमान्य व्यक्ति का भाषण होता है.


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