गुजरात। मोदी सरनेम केस में राहुल गांधी की 2 साल की सजा बरकरार रहेगी या रोक लगेगी, इस पर अब आज फैसला आएगा। सूरत के सेशन कोर्ट में बीते गुरुवार को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
एडिशनल सेशन कोर्ट जज आरपी मोगेरा ने कोर्ट ने सुनवाई के दौरान राहुल गांधी को उपस्थित न रहने की छूट दी थी। राहुल के वकील आरएस चीमा ने कोर्ट में तर्क दिया कि टिप्पणी को लेकर मानहानि का केस उचित नहीं था। साथ ही केस में अधिकतम सजा की भी जरूरत नहीं थी।
चीमा ने कहा कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 389 में अपील लंबित होने पर सजा के निलंबन का प्रावधान है। उन्होंने कहा- सत्ता एक अपवाद है, लेकिन कोर्ट को सजा के परिणामों पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोर्ट को इस बात पर विचार करना चाहिए कि क्या दोषी को ज्यादा नुकसान होगा। ऐसी सजा मिलना अन्याय है। याचिकाकर्ता पूर्णेश मोदी ने कोर्ट में दाखिल अपने जवाब में गांधी की याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि कांग्रेस नेता बार-बार मानहानि वाला बयान देने के आदी हैं। इसके पहले कोर्ट ने 3 अप्रैल को सुनवाई करते हुए राहुल को 15 हजार रुपए के मुचलके पर अंतरिम जमानत दे दी थी। राहुल ने सूरत कोर्ट में एक मुख्य याचिका और दो आवेदन लगाए थे।