मणिपुर भेजी जाएंगी CAPF की 50 और कंपनियां
दिल्ली। भारत का उत्तर-पूर्वी राज्य मणिपुर एक बार फिर हिंसा की आग में सुलग रहा है। इसी बीच, मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह ने सोमवार को 6 बजे एनडीए के मंत्रियों और विधायकों की एक मीटिंग बुलाई है। अधिकारियों ने कहा कि यह मीटिंग इसलिए बुलाई गई है ताकि कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की जा सके।
यह पूरा का पूरा घटनाक्रम ऐसे टाइम में हो रहा है जब एनपीपी के सात विधायकों ने बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। एनपीपी ने दावा किया कि राज्य की बीरेन सिंह सरकार पूर्वोत्तर राज्य में समस्या को हल करने में पूरी तरह से नाकामयाब साबित हुई है।
एनपीपी के बीजपी से समर्थन वापस लेने से भी बीजेपी पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। बीजेपी के पास अपने 32 विधायकों के साथ बहुमत हासिल है। एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार को नगा पीपुल्स फ्रंट के पांच विधायकों और जेडीयू के छह विधायकों का भी समर्थन हासिल है। इस बीच, मुख्यमंत्री के सचिव निंगथौजम ज्योफ्रे ने मणिपुर अखंडता पर समन्वय समिति को लिखे पत्र में इंफाल घाटी में शक्तिशाली निकाय से आग्रह किया कि वह इस जरूरी मोड़ पर किसी भी तरह के हिंसक आंदोलन से बचे।