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BIG BREAKING: मोदी सरकार ने VIP सुरक्षा से NSG कमांडो को हटाने का दिया आदेश, CRPF के जवान सुरक्षा का जिम्मा संभालेंगे

jantaserishta.com
16 Oct 2024 10:41 AM GMT
BIG BREAKING: मोदी सरकार ने VIP सुरक्षा से NSG कमांडो को हटाने का दिया आदेश, CRPF के जवान सुरक्षा का जिम्मा संभालेंगे
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अगले महीने से आदेश लागू हो जाएगा.
नई दिल्ली: केंद्र सरकर ने आदेश दिया है कि सभी वीआईपी सिक्योरिटी ड्यूटी से NSG कंमाडो को हटा लिया जाए. क्योंकि इनका इस्तेमाल सिर्फ आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए किया जाएगा. जिन वीआईपी लोगों को बहुत ज्यादा खतरा है, उनकी सिक्योरिटी का कमान अब CRPF के हवाले होगा. अगले महीने से आदेश लागू हो जाएगा.
संसद की सुरक्षा से सेवामुक्त हुए CRPF जवानों को स्पेशल ट्रेनिंग दिलाकर उन्हें सीआरपीएफ वीआईपी सिक्योरिटी विंग में भेजा गया है. इसके लिए नई बटालियन बनाई गई है. अब ये जवान वीआईपी की सुरक्षा करेंगे. सूत्रों की माने तो इस समय 9 जेड-प्लस कैटेगरी के वीआईपी है, जिनकी सिक्योरिटी NSG के ब्लैक कैट कमांडो करते हैं.
राजनाथ और योगी समेत इन VIPs के पास NSG की सिक्योरिटी
ये हैं- यूपी की सीएम योगी आदित्यनाथ, बसपा सुप्रीमो मायावती, केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, पूर्व उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, केंद्रीय जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह, जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद, एनसी नेता फारुक अब्दुल्लाह, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू. अब इनके पास से एनएसजी कमांडो हट जाएंगे. सीआरपीएफ सिक्योरिटी विंग कमान संभालेगी.
CRPF के पास 6 सिक्योरिटी बटालियन अब सातवीं बनाई गई
सीआरपीएफ के पास पहले से छह वीआईपी सिक्योरिटी बटालियन मौजूद है. नई बटालियन के साथ ये सात हो जाएंगी. नई बटालियन कुछ महीने पहले तक संसद की सुरक्षा में लगी थी. अब यह काम CISF को सौंपा गया है.
राजनाथ और योगी के पास एडवांस्ड सिक्योरिटी लाइसन
NSG सिक्योरिटी वाले 9 वीआईपी में से दो यानी राजनाथ सिंह और योगी आदित्यनाथ के पास एडवांस्ड सिक्योरिटी लाइसन (ASL) प्रोटोकॉल है. जिसे अब सीआरपीएफ ने टेकओवर कर लिया है. ASL मतलब किसी वीआईपी के किसी जगह पहुंचने से पहले उस जगह की छानबीन, सिक्योरिटी जांच, लोकेशन आदि की सुरक्षा जांच होती है. सीआरपीएफ अब ये सारा काम इन दोनों नेताओं के लिए करेगी. इसके पहले सीआरपीएफ अभी तक ASL का काम गृहमंत्री अमित शाह, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और गांधी परिवार के तीनों सदस्य.
2012 से चल रही थी इस चीज की तैयारी
देश में लगातार हो रहे आतंकी हमलों के बीच वीआईपी की सिक्योरिटी तनाव का विषय है. ऐसे में जरूरत दोनों तरफ थी. काफी सोचविचार करने के बाद सीआरपीएफ के सिक्योरिटी विंग को वीआईपी सुरक्षा में तैनात करने का फैसला लिया गया. खास ट्रेनिंग कराई गई. NSG को अब आतंकरोधी मिशन में ही तैनात किया जाएगा.
NSG से बनाई जाएगी खास स्ट्राइक टीम
सरकार की योजना है कि एनएसजी कमांडों में से चुने हुए जवानों की खास एलीट फोर्स बनाई जाएगी. जिसे स्ट्राइक टीम कहा जाएगा. ताकि हाई-रिस्क एरिया की सिक्योरिटी या आतंकी हमले का जवाब देने लायक टीम बन सके. ये टीम अयोध्या के राम मंदिर समेत देश के सभी महत्वपूर्ण इमारतों की सुरक्षा भी करेगी. एनएसजी को दो दशक पहले वीआईपी सिक्योरिटी में लगाया गया था.
क्यों दुनिया की सबसे खतरनाक फोर्स में गिनी जाती है NSG
नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (National Security Guard - NSG) का आज 40वां स्थापना दिवस (40th Raising Day) है. ये देश की बेहतरीन कमांडो फोर्स है. इसके एक-एक कमांडों दर्जनों दुश्मनों पर अकेले भारी पड़ते हैं. सिर्फ आतंकियों को मारना ही इनका मुख्य काम नहीं है. ये होस्टेज स्थिति भी संभालते हैं. सीक्रेट मिशन करते हैं. सर्जिकल स्ट्राइक या फिर युद्ध से पहले जासूसी करनी हो. आसमान, जमीन या फिर पानी... कहीं भी ये दुश्मन को मौत दिखा देते हैं. ये मारने और मरने दोनों के लिए तैयार रहते हैं.

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