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मोदी सरकार के मंत्री का प्लेन क्रैश होने से बचा, उड़ान भरने के बाद इंजन में खराबी

jantaserishta.com
5 Jan 2022 12:02 PM GMT
मोदी सरकार के मंत्री का प्लेन क्रैश होने से बचा, उड़ान भरने के बाद इंजन में खराबी
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भोपाल: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और पश्चिम बंगाल के कूचबिहार के सांसद निशीथ प्रमाणिक (Nisith Pramanik) को लेकर आया चार्टर विमान मंगलवार सुबह क्रेश होने से बच गया. इस विमान का इंजन अचानक खराब हो गया था. अचानक इमरजेंसी लैंडिंग कराकर विमान को सुरक्षित उतार लिया गया. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निशीथ प्रमाणिक मंगलवार शाम 5.30 बजे दिल्ली से चार्टर्ड प्लेन से इंदौर आए थे. यह प्लेन प्रमाणिक को छोड़ने के बाद वापस दिल्ली लौटने के लिए शाम 6.40 बजे उड़ान भर रहा था. प्लेन में पायलट और को-पायलट थे.

50 नॉटिकल माइल दूर जाने के बाद विमान के इंजन में खराबी आ गई थी. विमान झटके लेने लगा. तुरंत ही पायलट ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल से संपर्क किया और लैंडिंग की परमिशन मांगी. तत्काल एयरपोर्ट पर इमरजेंसी घोषित कर दी गई और एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड हवाई पट्टी पर भेज दी गई. जब तक झटके खाता हुआ चार्टर्ड विमान सुरक्षित लैंड हो गया. यह लैंडिंग 7.19 बजे कराई गई. सुधार के बाद यह विमान शाम तक इंदौर से दिल्ली रवाना कर दिया गया.
मोदी सरकार के सबसे कम उम्र के मंत्री हैं निसिथ प्रमाणिक
गौरतलब है कि 35 साल के प्रामाणिक मोदी सरकार में सबसे कम आयु के मंत्री हैं. पश्चिम बंगाल के कूचबिहार जिले के दिनहाटा के रहने वाले निसिथ कंप्यूटर में स्नातक हैं. निसिथ कूचबिहार से लोकसभा सांसद हैं. साल 2019 में पहली बार सांसद बने प्रामाणिक को मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार में राज्य मंत्री बनाया गया था. साल 2018 के पंचायत चुनावों में उम्मीदवारों के चयन को लेकर प्रामाणिक और टीएमसी नेतृत्व के बीच ठन गई थी, जिसके बाद, साल 2019 के लोकसभा चुनाव से कुछ पहले उन्होंने BJP का दामन थाम लिया. बीजेपी के टिकट पर उन्होंने कूचबिहार से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. प्रामाणिक को कूचबिहार जिले में कद्दावर व्यक्ति के रूप में जाना जाता है.
साल 2019 में कूचबिहार से बने हैं बीजेपी के सांसद
निसिथ प्रमाणिक बंगाल की कूच बिहार सीट से साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी सांसद चुने गए थे.महज 35 साल के निसिथ प्रमाणिक ने तृणमूल कांग्रेस के युवा नेता के तौर पर अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था. हालांकि, साल 2018 में बंगाल के पंचायत चुनावों में उन्होंने टीएमसी के खिलाफ ही करीब 300 निर्दलीय उम्मीदवार खड़े कर दिए थे, जिनमें से कई को जीत भी हासिल हुई थी इसके बाद वह फरवरी 2019 में बीजेपी में शामिल हो गए थे. विधानसभा चुनाव में भी दिनहाटा से विजयी हुए थे, लेकिन बाद में इस्तीफा दे दिया था. उसके बाद उन्हें कैबिनेट राज्य मंत्री बनाया गया था.
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