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संसद में मोदी सरकार: पैंगोंग झील पर गैरकानूनी कब्जे वाले इलाके में पुल बना रहा चीन, हमने कभी...
jantaserishta.com
5 Feb 2022 3:33 AM GMT
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नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के पार चीन एक पुल बना रहा है. पुल का निर्माण उस इलाके में किया जा रहा है जो 1962 से चीन के अवैध कब्जे में है. सरकार ने शुक्रवार को इस संबंध में संसद में जानकारी दी. विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने कहा, "सरकार ने चीन की ओर से पैंगोंग झील पर बनाए जा रहे एक पुल पर ध्यान दिया है. इस पुल का निर्माण उन क्षेत्रों में किया जा रहा है जो 1962 से चीन के अवैध कब्जे में हैं." उन्होंने कहा कि भारत ने इस अवैध कब्जे को कभी स्वीकार नहीं किया है. उन्होंने कहा, "सरकार ने कई मौकों पर स्पष्ट किया है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न अंग है और हम उम्मीद करते हैं कि पड़ोसी देश भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करेंगे."
मुरलीधरन ने कहा कि पूर्वी लद्दाख सीमा रेखा पर भारत और चीन ने राजनयिक और सैन्य दोनों चैनलों के जरिए से बातचीत जारी रखी है. भारत और चीन के सीनियर कमांडरों के बीच आखिरी दौर की बातचीत 12 जनवरी को हुई थी और वे इस बात पर सहमत हुए कि दोनों पक्षों को अपने नेताओं की ओर से दिए गए मार्गदर्शन का पालन करना चाहिए.
मुरलीधरन ने लोकसभा में कहा कि पूर्वी लद्दाख गतिरोध पर चीन के साथ बातचीत में भारत का दृष्टिकोण तीन प्रमुख सिद्धांतों पर है. उन्होंने कहा कि पहला सिद्धांत यह है कि दोनों पक्षों को वास्तविक नियंत्रण रेखा का कड़ाई से सम्मान और पालन करना चाहिए. दूसरा सिद्धांत यह है कि किसी भी पक्ष को यथास्थिति को एकतरफा रूप से बदलने का प्रयास नहीं करना चाहिए, और तीसरा सिद्धांत यह कि दोनों पक्षों के बीच सभी समझौतों का पूरी तरह से पालन किया जाना चाहिए. बता दें कि केंद्र सरकार के इस बयान के एक दिन पहले ही भारत ने बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन और समापन समारोहों का बहिष्कार किया है.
खुर्नक इलाके में बन रहे पुल की सैटेलाइट तस्वीरें पिछले महीने सामने आईं, जिसके बाद मिलिट्री एक्सपर्ट्स ने कहा कि चीन का उद्देश्य इस इलाके में पीएलए को जल्द से जल्द बुलाना है. अगस्त 2020 में भारतीय सैनिकों की ओर से पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर कई चोटियों पर कब्जा करने के बाद चीन अपने सैन्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.
मंत्री ने कहा कि सरकार इन क्षेत्रों के आर्थिक विकास को सुगम बनाने, भारत की रणनीतिक और सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास के लिए बुनियादी ढांचे के सुधार पर विशेष ध्यान देती है. उन्होंने कहा कि सरकार भारत की सुरक्षा को प्रभावित करने वाले सभी घटनाक्रमों पर लगातार नजर रखती है और यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाती है कि हमारे सुरक्षा हितों की पूरी तरह रक्षा हो.
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