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यूपीए सरकार की तुलना में मोदी सरकार ने दी ज्यादा नौकरी: केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह
jantaserishta.com
19 Jun 2023 10:27 AM GMT
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फाइल फोटो
नई दिल्ली: बेरोजगारी के आंकड़े को लेकर विपक्षी दलों की तरफ से लगातार राजनीतिक हमलों का सामना कर रही मोदी सरकार की तरफ से पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने दावा किया है कि पिछले 9 सालों के दौरान मोदी सरकार ने यूपीए सरकार की तुलना में ज्यादा लोगों को नौकरियां दी है। भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि यूपीए सरकार के पहले 9 वर्ष के दौरान 6,02,045 भर्तियां की गईं। जबकि, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के 9 वर्षों के दौरान 8,82,191 भर्तियां की गईं। नौकरियों के गणित और गुणवत्ता, दोनों ही मामलों में मोदी सरकार, यूपीए सरकार की तुलना में कई गुना ज्यादा बेहतर रही है।
केंद्रीय मंत्री ने नौकरियों के बारे में विस्तार से बताते हुए दावा किया कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में 2004 से 2013 के दौरान एसएससी द्वारा 2,07,563 भर्तियां की गई थी। जबकि, मोदी सरकार के 9 वर्षों के दौरान 4,00,691 भर्तियां की गई है। इसी तरह से यूपीए सरकार ने यूपीएससी के द्वारा 45,431 नौकरियां दी थी। जबकि, मोदी सरकार में यह संख्या बढ़कर 50,906 पहुंच गई।
उन्होंने आगे कहा कि यूपीए सरकार ने आरआरबी के द्वारा 3,47,251 नौकरियां दी थी। लेकिन, मोदी सरकार ने आरआरबी के जरिए इससे कहीं ज्यादा यानी 4,30,594 लोगों को नौकरियां दी है। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने पेंशन, कर्मचारियों की क्षमता वृद्धि, कर्मचारी कल्याण, भ्रष्टाचार मुक्त नियुक्ति प्रक्रिया, अच्छे और ईमानदार कर्मचारियों को बढ़ावा देने और शिकायतों के उचित निवारण की व्यवस्था का दावा करते हुए यह भी यह भी जोड़ा कि भारत में ग्रीवांस सेल में जहां एक साल में पूरे देश से सिर्फ 2 लाख शिकायतें दर्ज होती थीं। अब इसको कंप्यूटराइज्ड कर, पांच दिन के अंदर ही शिकायतों का निवारण करने की व्यवस्था बनाई गई है और इसकी वजह से आज सालाना देश भर से करीब 5 लाख तक शिकायतें दर्ज हो रही हैं।
उन्होंने स्टार्टअप्स से जुड़ी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने देश को जागरूक किया कि रोजगार का अर्थ सिर्फ सरकारी नौकरी ही नहीं है और इसका परिणाम यह हुआ है कि आज देश में स्टार्टअप्स की संख्या 350 से बढ़कर 1 लाख हो चुकी है। इसके साथ ही 'अरोमा मिशन' के तहत 3 हजार एग्रीटेक स्टार्टअप भी शुरू हो चुके हैं।
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