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कोरोना को लेकर विदेशी मीडिया के निशाने पर मोदी सरकार, दिल्ली हाई कोर्ट भी कर चुका है सख्त टिप्पणी

Deepa Sahu
29 April 2021 10:58 AM GMT
कोरोना को लेकर विदेशी मीडिया के निशाने पर मोदी सरकार, दिल्ली हाई कोर्ट भी कर चुका है सख्त टिप्पणी
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देश में कोरोना ने जो विकराल रूप लिया है,

देश में कोरोना ने जो विकराल रूप लिया है, उससे सरकार और स्वास्थ्य प्रणाली की तैयारी की सच्चाई तो सबके सामने आई ही है लेकिन अगर किसी को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है, तो वो है आम जनता। मौजूदा समय में दिल्ली हाईकोर्ट समेत दूसरे राज्यों के हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में कोरोना से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है। वहीं विदेशी मीडिया में मोदी सरकार की नीतियों और महामारी से निपटने के तरीकों की आलोचना की गई है।

इन याचिकाओं की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कई बार केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के खिलाफ सख्त टिप्पणी की है और फटकार भी लगाई है। हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार की नीतियों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि जैसे केंद्र सरकार चाहती है कि लोग मरते रहें।
दिल्ली हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी
बता दें कि कोविड-19 के उपचार में रेमडेसिविर के इस्तेमाल को लेकर नए प्रोटोकॉल के मुताबिक केवल ऑक्सजीन पर आश्रित मरीजों को ही यह दवा दी जा सकती है। इस पर न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने केंद्र सरकार से कहा कि यह गलत है। ऐसा लगता है दिमाग का बिल्कुल इस्तेमाल नहीं हुआ है। अब जिनके पास ऑक्सीजन की सुविधा नहीं है उन्हें रेमडेसिविर दवा नहीं मिलेगी। ऐसा प्रतीत होता है कि आप चाहते हैं लोग मरते रहें।
कई विदेशी मीडियो ने मोदी सरकार की योजनाओं की आलोचना की
जब देश में कोरोना का ग्राफ चढ़ रहा था, उस समय प्रधानमंत्री मोदी समेत कई राजनेता विधानसभा चुनाव में अपनी जीत दर्ज करने के लिए रैलियां कर रहे थे। केंद्र या राज्य सरकारों के लिए उस समय बढ़ते कोरोना या ऑक्सीजन की सप्लाई को सुनिश्चित करना अहम नहीं था, बल्कि विरोधी पार्टियों के नेताओं पर आरोप लगाना और बड़े-बड़े मैदानों में भीड़ जुटाना, यही प्राथमिकता थी। यही वजह रही कि देश में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ा। इस बीच विदेशी मीडिया ने मोदी सरकार की महामारी से निपटने की योजनाओं की जमकर आलोचना की। आइए जानते हैं...
प्रतिष्ठित टाइम मैगजीन की टिप्पणी
टाइम मैगजीन ने पीएम मोदी को कोरोना की लड़ाई में नाकाम बताया। इस लेख में प्रधानमंत्री मोदी समेत पूरे मंत्रिमंडल पर सवाल उठाए गए और यह भी कहा गया कि भारत में टीकाकरण की रफ्तार धीमी हो गई। एक दूसरे लेख में बताया गया कि भारत में कोरोना अब नियंत्रण के बाहर है। लेख में दिल्ली के स्थानीय लोगों के हवाले से छापा गया है कि इससे पहले इतने शवों को एक साथ जलते नहीं देखा है।
अमेरिकी अखबार 'द न्यूयॉर्क टाइम्स'
अमेरिका अखबार ने अपने लेख में लिखा कि भारत में कोरोना वायरस के मामले बेकाबू हो गए हैं। सरकार के गलत फैसलों की वजह से भारत की यह स्थिति हुई है, जबकि पहले साल में लॉकडाउन लगाकर भारत ने काफी हद तक काबू पा लिया था।
ब्रिटेन का अखबार 'द गार्जियन'
द गार्जियन ने भारत में फैले कोरोना संक्रमण पर पीएम मोदी को घेरा। अखबार में अपने लेख में लिखा कि पीएम मोदी की अति आत्मविश्वास की वजह से ही भारत में जानलेवा कोविड-19 की दूसरी लहर रिकॉर्ड स्तर पर है।
ऑस्ट्रेलिया का अखबार 'ऑस्टेलियन फाइनेंशियल रिव्यू'
इस अखाबर के मशहूर कार्टूनिस्ट डेविड रोव का एक कार्टून सोशल मीडिया पर तेजी से फैला। इस कार्टून में एक पस्त हाथी जमीन पर पड़ा है, जिसकी पीठ पर सिंहासन लगाकर पीएम मोदी बैठे हैं।
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