दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हो रही कैबिनेट बैठक में कई बड़े फैसले हो सकते है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सीसीईए (CCEA-Cabinet Committee of Economic Affairs) आज चंडीगढ़ का अलग से डिस्कॉम (Discom) बनाने पर फैसला ले सकती है. इससे करीब 2.50 लाख बिजली उपभोक्ताओं को फायदा हो सकता है. इनमें से 2.14 लाख लोग घरेलू बिजली का इस्तेमाल कर रहे हैं जबकि अन्य कॉमर्शियल, स्मॉल पावर, पब्लिक लाइटिंग और कृषि के कनेक्शन हैं. इसके अलावा ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर के दूसरे चरण को भी मंजूरी मिल सकती है. आपको बता दें कि कोयले से बिजली उत्पादन पर निर्भरता कम करने और वैकल्पिक ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर बनाए जा रहे हैं. चंड़ीगढ़ में डिस्कॉम को लेकर आज फैसला हो सकता है. सूत्रों का कहना है कि चंडीगढ़ को अलग से डिस्कॉम मिल सकता है.चंडीगढ़ इलेक्ट्रिसिटी विभाग को खरीदने की दौड़ में कई कंपनियां शामिल हैं.
इनमें अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड, टाटा पावर, टोरेंट पावर, स्टेरेलाइट पावर, रन्यू विंड एनर्जी, एमीनेंट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड और एनटीपीसी है. आपको बता दें कि बिजली रिफॉर्म को लेकर केंद्र सरकार लगातार कदम उठा रही है. इसी कड़ी में केंद्र सरकार ने चंडीगढ़ को लेकर भी कदम उठाए थे. लेकिन हाईकोर्ट की ओर से बार-बार लगाई जा रही रोक की वजह से मामला लटकता रहा. इसी पर अब फैसला होने वाला है. यूटी प्रशासन ने वर्ष 2019 में बिजली विभाग को निजी हाथों में देने की प्रक्रिया शुरू की थी. वर्ष 2020 में कोरोना ने दस्तक दी तो प्रक्रिया की रफ्तार थम गई.
इसके बाद 9 नवंबर 2020 को प्रशासन के इंजीनियरिंग विभाग ने इच्छुक कंपनियों से निजीकरण को लेकर आवेदन मांगे. प्रक्रिया के खिलाफ यूटी पावर मैन यूनियन ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने यूटी प्रशासन के निर्णय पर एक दिसंबर 2020 को रोक लगा दी थी.