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झारखंड में मॉब लिंचिंग पर कानून बनने के बाद पहली वारदात सामने आई है
झारखंड में मॉब लिंचिंग पर कानून बनने के बाद पहली वारदात सामने आई है। सिमडेगा के कोलेबिरा में जंगल से पेड़ काटकर बेचने का आरोप लगाकर ग्रामीणों ने एक युवक को बेरहमी से पीटकर अधमरा कर दिया और जिंदा ही जलाकर मार डाला।
पत्नी चिल्लाती रही, किसी ने नहीं सुनी
वारदात बेसराजारा गांव के पास मंगलवार दोपहर हुई है। मारा गया युवक संजू प्रधान छपरीडीपा गांव का था। संजू की मां धनमईत देवी ने बताया कि जब भीड़ उसके बेटे को पीट रही थी तब उसने और उसकी बहू ने बचाने का प्रयास किया। दोनों गिड़गिड़ा रहे थे लेकिन किसी ने उनकी एक नहीं सुनी।
बेटा जब कराह रहा था तब अधमरी हालत में ही घर की बाड़ी में लगी तख्तियों को काटकर भीड़ ने उसके बेटे को जिंदा जला दिया। इधर, सिमडेगा एसपी डा. शम्स तबरेज ने कहा कि घटना काफी गंभीर है। इसकी जांच की जा रही है। जांच के बाद जो भी दोषी पाए जाएंगे उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
ग्रामसभा में लिया हत्या का फैसला
ग्रामीणों ने बताया कि संजू प्रधान मनाही के बावजूद जंगल से लकड़ी काटकर बेच देता था। बंबलकेरा की ग्रामसभा ने उसे ऐसा करने से मना किया गया था। ग्रामसभा ने संजू को स्पष्ट चेतावनी दी और कहा था कि यह खूंटकटी क्षेत्र (जंगल काटकर खेतीयोग्य भूमि बनाना) है। इसलिए बिना ग्रामसभा की अनुमति के वह पेड़ नहीं काटे।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि संजू बार-बार मना करने पर भी पेड़ काटकर लकड़ियां बेच देता था। तीन दिन पहले उसने फिर पेड़ काटा था। जब इसकी सूचना बंबलकेरा के ग्रामीणों को मिली तो मंगलवार की सुबह ग्रामसभा बुलाई गई। तीन घंटे चली बैठक के बाद ग्रामीणों ने संजू की हत्या का निर्णय लिया। इसके बाद ग्रामीण एकजुट होकर संजू के बेसराजारा स्थित घर पहुंचे। पहले उसे घर से खींचकर निकाला और पीट-पीटकर अधमरा कर दिया। इसके बाद उसे जला डाला।
गांव छावनी में तब्दील:
घटना की जानकारी मिलते ही तीन थानों सिमडेगा, कोलेबिरा और ठेठईटांगर की पुलिस मौके पर पहुंच गई और गांव को घेर लिया। पुलिस गांव में ही कैम्प कर रही है। घटना के बाद से गांव में तनाव है। सैकड़ों की संख्या में गांववाले भी जुटे हैं। हत्या को अंजाम देने वाले बंबलकेरा गांव के ग्रामीण भी वहां जुटे थे।
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